ललितपुर। श्री अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्र क्षेत्रपाल मंदिर ललितपुर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि सुधासागर महाराज ने अपराधी के समर्पण को कर्म निर्जरा का माध्यम बताते हुए कहा कर्म दया नहीं करता कर्मो की धुलाई करता है। नब्बे प्रतिशत लोग अपराध को कबूल नहीं कर पाते लेकिन जव वही अपराधी रिमांड पर जाता है तो वह कोई सीमा नहीं होती कितनी पिटाई होगी जो अपराध स्वीकार नहीं करता। जैन दर्शन में कर्म की प्रधानता बताते हुए मुनि श्री ने कहा धर्म कहता है कि कर्म की मार पडे इससे पहले खुद संभल जाओ। उन्होने कहा धर्म की महिमा समझो यदि अभिषेक करें पूजन करेंगे तो संसार से बच जाएगे लेकिन जव भगवान के पैर नहीं धोओगे तो ऐसे लोगों को गधे के पैर धोते देखा गया है। मुनिश्री ने जैन दर्शन मेंअंजन चोर का जिक्र करते हुए कहा वह क्रूर अपराधी था लेकिन उसने अपने अपराध को स्वीकार कर सर्मपण कर दिया और अपने पापों की सजा मांगी। गुरू महाराज उसके समर्पण को देखते रह गए और अंजन चोर भगवान बन गया। भारतीय संविधान के कानून में अपराधी के आत्मसमर्पण करने वाले अपराधी की सजा कम करने की जो व्यवस्था है वह अपराधी को सुधारने के लिए अपने आप में अनूठा प्राविधान है इसके चलते कई खूंखार डाकुओं ने आत्मसमर्पण कर अपने कर्मो का पश्चाताप किया। सुबह मूलनायक अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ पर मूलनायक अभिनंदननाथ भगवान का अभिषेक भक्तजनों ने किया इसके उपरान्त मुनि सुधासागर महाराज के मुखारविन्द शान्तिधारा पुण्र्याजक परिवार द्वारा हुई तदुपरान्त धर्मसभा का शुभारम्भ आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र के अनावरण के साथ श्रेष्ठीजनों ने किया तथा महिला मण्डल ने मुनिश्री को शास्त्र भेंट का पुण्र्याजन किया।
सीरोन बनेगा अन्र्तराष्ट्रीय सत्योदय तीर्थ क्षेत्र
जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर जैन तीर्थ सीरोन जी के लिए मुनिपुंगव सुधासागर महाराज ने अपना आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि मूर्ति कला के लिए विख्यात सीरोन जी अब श्रीशान्तिनाथ दिगम्बर जैन सतोदय तीर्थ सेरोन के नाम से जाना जाएगा। उन्होने विकास की संभावनाओं को वलवती करते हुए कहा सेरोनजी बुन्देलखण्ड के अतिभव्य तीर्थ क्षेत्रों में से एक है। आज सायंकाल सेरोन प्रबंध समिति ने शीलचंद, कोमल, अरविन्द जैन, अजय जैन, जयकुमार जैन, मुकेश जैन, आनंद जैन के साथ मुनिश्री को श्रीफल अर्पित करते हुए विकास के लिए मार्गदर्शन हेतु आशीर्वाद मांगा।