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उप्र विधान सभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित

Tuesday, September 20, 2022

/ by Today Warta

 


मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को दिया माकूल जवाब, बोले, पर उपदेश कुशल बहुतेरे

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा का मानसून सत्र दूसरे दिन मंगलवार को काफी हंगामेदार रहा। नेता प्रतिपक्ष और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने स्वास्थ्य के मुद्दे पर सरकार को घेरना चाहा तो नेता सदन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें माकूल जवाब दिया। सपा के हंगामे और सदन से बहिर्गमन के चलते सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे जब विधान सभा की कार्यवाही शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की। उनके जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा के शासन काल का उदाहरण देते हुए कहा, पर उपदेश कुशल बहुतेरे मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने चार बार सरकार बनाई लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए कुछ नहीं किया। इंसेफेलाइटिस के टीके तक नहीं लाये गये। गोरखपुर एम्स के लिए जमीन देने में रोड़ा अटकाते रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सपा पर जमकर हमला बोला और नेता प्रतिपक्ष को सबक देते हुए कहा कि वह जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ सदन में तथ्य रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अपने तथ्यहीन भाषण से जनमानस को गुमराह न करें। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट सपा विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। पूर्व में सपा सदस्यों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सदन में चर्चा के लिए वेल में उतर आए थे।

उधर, विधान परिषद में आज सत्र के दूसरे दिन कानून व्यवस्था का मुद्दा छाया रहा। इस मुद्दे पर सपा के सदस्यों ने विधान परिषद से भी बहिर्गमन किया। बाद में दोनों सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि उप्र विधान मंडल का मानसून सत्र सोमवार को प्रारम्भ हुआ। विधान सभा में पहले दिन सदस्यों के निधन पर श्रद्धांजलि दी गई। मानसून सत्र 23 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान सरकार कई विधेयकों को सदन से पारित कराना चाहेगी।इस बार उप्र विधान सभा का सत्र ऐतिहासिक होगा। देश की किसी विधानसभा में ऐसा पहली बार होगा, जब सदन का एक दिन महिला सदस्यों के लिए आरक्षित रहेगा। 22 सितंबर का दिन दोनों सदनों की महिला सदस्यों के लिए आरक्षित रखा गया है। उस दिन विधान सभा की 47 और विधान परिषद की छह महिला सदस्य ही अपना विषय रखेंगी। 


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