राजेंद्र प्रसाद मिश्रा
प्रयागराज बारा।सड़कों की मरम्मतीकरण को लेकर सरकार जितनी सजग है,सम्बन्धित अधिकारियों की वजह से ग्रामीण जनता उतनी ही परेशान है। पीडब्ल्यूडी विभाग अपनी ही बनाई सड़क की दशा देखने की जरूरत नहीं समझ पा रहा है। बारा तहसील के शंकरगढ़ विकासखंड के ग्राम दुबहा नहर से लेकर हजारी आदिवासी के घर तक लगभग तीन किमी सड़क 2004 में तत्कालीन विधायक उदयभान करवरिया की पहल पर लोक निर्माण विभाग द्वारा बनवाई गई थी।2004 के बाद आज तक विभाग ने उसे देखना भी अनुचित समझा।जिसकी वजह से प्राथमिक विद्यालय से लेकर हजारी आदिवासी के घर तक सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है,उस पर चलना मुश्किल हो गया है। उधर से निकलने वाले दोपहिया वाहनों से लेकर साइकिल से स्कूल जाने वाले स्कूली बच्चे गिरकर घायल होते रहते हैं।कई बार तो गड्ढों से बचने के लिए वाहन चालक खेतों में पलट जाते हैं। गाँव के प्रधान प्रतिनिधि गोपाल मिश्र,मोहित दुबे,माता दयाल कुशवाहा,आनन्द कुमार मिश्रा,रावेन्द्र मिश्र,श्रीप्रकाश दुबे, कमलेश कुशवाहा,मोहित दुबे सहित बहुत से ग्रामीणों ने माँग किया है कि सड़क कई वर्षों से गड्ढे में तब्दील हो गई है, लोग गिरकर घायल हो रहे हैं।सड़क पर वाहन लेकर निकलना तो दूर,पैदल चलना मुश्किल हो गया है।कोई अप्रिय घटना होने से पहले इसकी रिपेयरिंग करवाना आवश्यक हो गया है।