राकेश केसरी
बेनीराम कटरा कौशांबी। कौशाम्बी स्वास्थ्य विभाग में मुख्यमंत्री का भ्रष्टाचार मुक्त अभियान लागू नहीं हो सका है बेखौफ तरीके से महिला चिकित्सक और महिला नर्स प्रसव पीड़ित महिलाओं और उनके परिजनों से जबरिया धन वसूली कर रही हैं बिना उगाही के प्रसव पीड़िताओं का सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं किया जाता यदि महिला डॉक्टर और नर्स द्वारा इलाज किया जाता है तो उगाही के बाद ही इलाज शुरू किए जाते हैं कभी-कभी प्रसव पीड़िता से धन ना मिलने के बाद प्रसव के दौरान महिला चिकित्सक और नर्स की लापरवाही के चलते प्रसव पीड़िता जच्चा-बच्चा की मौत भी हो जाती है उगाही ना होने पर मरीज को रेफर कर दिया जाता है कभी-कभी उल्टी दवाई देकर उनकी पीड़ा बढ़ा दी जाती है स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में उगाही का यह मामला बेहद गंभीर है लेकिन उसके बाद भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी और उनके सहायक अवैध वसूली के मामले में गंभीर होकर सरकारी अस्पतालों की अवैध वसूली को नहीं रोक पा रहे हैं ताजा मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेवादा का है जहां घासी का पुरवा गांव की रेहाना बानो प्रसव कराने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेवादा पहुँची जहां सुरेखा देवी नामक एक महिला स्वास्थ्य कर्मी ने उससे जबरिया ढाई हजार रुपए ले लिया जब तक महिला ने पैसा नहीं दिया तब तक महिला कर्मी ने उसे अस्पताल में भर्ती नही किया स्वास्थ्य कर्मी ने स्पष्ट तौर से कहा कि रकम नहीं दो गी तो तुम्हारा इलाज यहाँ नहीं होगा महिला कर्मी के दबाव के बाद अपने भाई से पैसा लेकर के स्वास्थ्य कर्मी सुरेखा देवी को उसने उगाही की रकम दिया प्रसव के नाम पर धन उगाही के बाद महिला का अस्पताल में इलाज किया गया है स्वास्थ्य विभाग में बेखौफ तरीके से धन उगाही करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के कारनामे पर प्रभारी अधीक्षक भी कार्यवाही नहीं कर सके हैं यह एक दिन का मामला नहीं है जिले के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में प्रसव पीड़िताओं से अवैध उगाही बेखौफ तरीके से हो रही है और आला अधिकारी मुख दर्शक बनकर मरीजों को लूटने पर छोड़ देते हैं स्वास्थ्य विभाग में अवैध उगाही का यह मामला बेहद गंभीर है और इलाके के लोगों ने शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अवैध उगाही में लिप्त महिला चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।