राकेश केसरी
बिना लाइसेंस पानी पर डाका डाल रहे आरओ प्लांट
कौशाम्बी। नियमों को ताक पर रखकर जनपद में फिल्टर पानी बेचने का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। प्लांट संचालक न तो मानकों को पूरा कर रहे हैं और न ही उन्होंने इसका लाइसेंस लिया है। जनपद में एक भी संचालक के पास इस समय पानी की बिक्री का लाइसेंस नहीं है। इसके बावजूद चार दर्जन से अधिक आरओ प्लांट संचालक पानी का व्यापार कर अपनी जेबें भर रहे हैं। जनपद में करीबन 50 छोटे-बड़े पानी प्लांट संचालित हो रहे हैं। नियम है कि पानी के कारोबार के लिए ब्यूरो आॅफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) प्रमाणपत्र लेना पड़ता है। इसके आवेदन की फीस डेढ़ लाख रुपये है। इतनी बड़ी धनराशि देने से बचने के लिए दुकानदार बीआईएस प्रमाण पत्र नहीं लेते हैं। इतना ही नहीं प्रमाण पत्र के लिए पानी की जांच भी की जाती है। अगर नमूना जांच में फेल हुआ तो प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाता है। जनपद में वर्तमान में एक भी संचालक के पास अब तक बीआईएस प्रमाण पत्र नहीं है। जबकि धड़ल्ले से पानी का कारोबार किया जा रहा है। कहीं बोतल पैक की जा रही है तो कहीं पाउच पैक किए जा रहे हैं। पानी प्लांटों पर केवल नियमों का उल्लंघन ही नहीं, बल्कि पानी की बबार्दी भी हो रही है। यहां आरओ से निकलने वाले अशुद्ध पानी को नालियों में बहाया जा रहा है। जानकार बताते है कि एक लीटर पानी के लिए तीन लीटर बर्बाद किया जा रहा है। इससे भूगर्भ जल स्तर प्रभावित हो रहा है। खाद्य सुरक्षा अभिहित अधिकारी का कहना है कि अभी केवल पैकिंग वाले पानी के ऊपर कार्रवाई के निर्देश हैं। उच्च अधिकारियों का आदेश मिलने पर अवैध रूप से चल रहे आरओ प्लांटों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।