राकेश केसरी
कौशाम्बी। नगरीय निकायों में बगैर अनुमति के कोई भी होर्डिंग व बैनर नहीं लगने पाएंगे। नगर पालिका व पंचायतों के बगैर अनुमति के लगे होर्डिंग व बैनर को हटवाकर इसकी रिपोर्ट देने का फरमान नगरीय निकाय के निदेशक की ओर से जारी किया गया। प्रदेश के विभिन्न निकायों से भेजी गई रिपोर्ट पर निदेशालय आपत्ति भी जता चुका है। बावजूद इसके जिले में यह फरमान पूरी तरह हवा में उड़ चुका है। नगर पालिका भरवारी में होर्डिंग हटवाने के नाम पर खानापूर्ति की गई तो नगर पालिका मंझनपुर में कोई अभियान ही नहीं चल सका। आदेश को पूरी तरह रद्दी की टोकरी के हवाले कर दिया गया। हालांकि दावा है कि अगले सप्ताह से अभियान चलाकर होर्डिंग व बैनरों को हटवाया जाएगा। गौरतलब हो कि व्यवस्था यह है कि नगरीय निकायों में लगने वाले होर्डिंग व बैनर आदि के लिए नगर पालिका व नगर पंचायतों से अनुमति लेनी होती है। साथ ही निकायों का ओर से स्थल चिन्हित किये जाते हैं जहां इसे लगाया जा सकता है। होर्डिंग-बैनर लगाने वालों को इसका निर्धारित शुल्क जमा करना होता है। इससे इतर स्थिति यह है कि चाहे वह नगर पालिका सहित नगर पंचायतों तक में कोई स्थल चिन्हित नही है। न तो कोई अनुमति जारी की गई है। ऐसे में बगैर अनुमति के शान बने होर्डिंग से निकायों को राजस्व की चपत लग रही है। वहीं विद्युत खंभों, सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर टंगे होर्डिंग दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहे हैं। जानकारों का मानना है कि तमाम घटनाएं महज इस कारण से हो जाया करती हैं कि सड़कों के किनारे लगे होर्डिंग चालकों का ध्यान परिवर्तित कर देते हैं। नगर पंचायत करारी की अधिशाषी अधिकारी अंजनी मिश्रा ने बताया कि नगर में अभी तक होर्डिंग हटवाने की कार्रवाई नहीं हो सकी है। अगले सप्ताह सप्ताह अभियान चलाकर इसे हटवाया जाएगा। नगर में होर्डिंग आदि लगाने के लिए कोई स्थल चिन्हित नहीं है, न तो किसी को अनुमति दी गई है। नगर पंचायत अझुवा के ईओ का कहना है कि पिछले दिनों अभियान चला था। करीब 40 होर्डिंग उतरवाए गए थे। जिसकी जानकारी निदेशालय को भेजी गई थी। आगे फिर अभियान चलाया जाएगा। कोई स्थल न तो चिन्हित हैं, न ही होर्डिंग लगाने की अनुमति दी गई है।