राकेश केसरी
कौशाम्बी। मुख्यालय मंझनपुर के समदा में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया। सर्वप्रथम संस्थान के निर्देशक राजकुमार पांडे द्वारा सरस्वती प्रतिमा एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित करके माल्यार्पण किया गया और इसके बाद संस्थान के प्रशिक्षणार्थी वंशिका एवं करिश्मा द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इसी कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों एवं संस्थान के स्टाफ द्वारा एकता दौड़ किया गया,उसके बाद सभी स्टाफ एवं प्रशिक्षणार्थियों को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस शपथ दिलाया गया। संस्थान के निर्देशक राजकुमार पांडे ने अपने भाषण में बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा आजाद भारत के पहले गृहमंत्री थे,स्वतंत्रता की लड़ाई में उनका सबसे अधिक महत्वपूर्ण योगदान रहा,जिसके कारण उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है। 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में सरदार पटेल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जावेद भाई और माता का नाम लार्ड बाई देवी था,सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपने भाषण में कहा था कि दांडी कूच की तैयारी के सिलसिले में सरदार पटेल रास पहुंचे थे वहां पर उन्होंने भाषण नहीं देना चाहते थे,लेकिन लोगों के आग्रह पर दो शब्द स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि भाइयों एवं बहनों क्या आप सत्याग्रह के लिए तैयार हैं,इसी बीच मजिस्ट्रेट ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया,सरदार पटेल ने हिंदू मुस्लिम एकता को बनाए रखने के लिए पुरजोर कोशिश किया,सरदार पटेल ने आंदोलन में किसानों को इकट्ठा करके अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। उन दिनों खेती ही भारत का आय का जरिया था सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर ही हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है,सरदार पटेल अपने जीवन के माध्यम से ताकत के प्रतीक थे,1950 में उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया और वह कमजोर हो गए और अपने स्थान तक ही सीमित रह गए। 15 दिसंबर 1950 को हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई तथा इसी तरह और पूरे देश में 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है,इस कार्यक्रम में संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी संजय सिंह,सहायक कार्यक्रम अधिकारी विजेंद्र मिश्रा, सुकेश कुमार,राजू शुक्ला, अनुदेशक ममता, रूपा, रूबी, उमा, वंशिका, करिश्मा, ज्योति, रजनी,प्रतीक्षा, प्राची, रेशमा, प्रिंसी आदि प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।