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फर्जीवाड़ा के मामले में नगर पंचायत चायल हमेशा रहा सुर्खियों में

Saturday, October 8, 2022

/ by Today Warta



राकेश केसरी

डिग्री न होने के बावजूद आॅपरेटर के पद पर हो गयी भर्ती

सपा बसपा सरकार के कार्यकाल में नगर पंचायत चायल कार्यालय में हुए फजीर्वाड़ा की एक और कहानी

कौशाम्बी। फर्जीवाड़ा के मामले में नगर पंचायत चायल हमेशा सुर्खियों में रहा है नगर पंचायत चायल कार्यालय से तीन कैश रसीद बुक गायब किए जाने के डेढ़ दशक बाद भी कैश रसीद बुक न खोजने के मामले में अपनी छीछालेदर करा चुका नगर पंचायत चायल का एक कारनामा इन दिनों फिर सुर्खियों में है नगर पंचायत चायल में पम्प आपरेटर के पद पर जिस कर्मचारी की नियुक्ति अधिकारियों ने की है उस पंप आॅपरेटर के पास आईटीआई या किसी प्रकार की टेक्निकल डिग्री ना होने के बाद भी पंप आॅपरेटर के पद पर दो दशक पूर्व नियुक्ति दे दी गई है अनुभवहीनता के चलते आए दिन नगर पंचायत का पंप खराब हो रहा है और मरम्मत के नाम पर नगर पंचायत के खजाने से बिल वाउचर लगाकर भुगतान कराया जा रहा है सूत्रों की माने तो दो दशक के बीच पंप मरम्मत के नाम पर 20 लाख रुपए से अधिक के बिल बाउचर लगाकर भुगतान कराए जा चुके हैं लेकिन इतने बड़े पैमाने पर धांधली बाजी के बाद भी नगर पंचायत के पंप आॅपरेटर के कारनामे को अधिकारियों ने संज्ञान लेकर प्रकरण की जांच करा कर धांधले बाजी को रोकने का प्रयास नहीं किया है जिससे आपरेटर की मर्जी बेखौफ जारी है सूत्रों की माने तो पंप मरम्मत के बहाने आए दिन फर्जी बिल वाउचर लगाए जा रहे हैं जिन बिल वाउचर में भुगतान किए गए है तमाम ऐसे दुकानदारों के बिल वाउचर भी लगाए गए हैं जिन दुकानदारों के पास जीएसटी का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है लेकिन फिर भी उनके बिल वाउचर लगाकर भुगतान कर दिया गया है पंप मरम्मत के नाम पर किए गए भुगतान की जांच कराई गई तो बड़ा गड़बड़झाला उजागर होना तय है लेकिन क्या नगर पंचायत में चल रहे भ्रष्टाचार के इस खेल की जांच कराकर अधिकारी पंप आॅपरेटर के कारनामे को उजागर करेंगे।

सवाल उठता है कि पंप आॅपरेटर के पद पर कम पढ़े लिखे व्यक्ति की नियुक्ति कैसे की गई है तत्कालीन अधिकारियों ने कानून नियम और शासनादेश की धज्जियां क्यो उड़ाई हैं उनका क्या स्वार्थ था चचार्ओं पर जाए तो रिश्तेदार होने के नाते एक अधिकारी ने निजी लाभ के चलते पंप आॅपरेटर की नियुक्ति में नियम कायदे को दरकिनार कर कम पढ़े लिखे रिश्तेदार को आॅपरेटर के पद पर नियुक्ति दे दी है जो बड़ी जांच का विषय है यदि पंप आॅपरेटर की नियुक्ति में फर्जी बाड़े की अधिकारियों ने जांच कराई तो नियुक्ति के फजीर्वाड़े का खुलासा होना तय है नगर के लोगों ने पूर्व में कई बार फर्जी नियुक्ति की शिकायत जिले से लेकर शासन स्तर तक की लेकिन उसके बाद भी पंप आॅपरेटर का बाल बांका नहीं हो सका जांच की पत्रावली में हेराफेरी कर जांच निस्तारित कर दी जाती है पंप आॅपरेटर की नियुक्ति के मामले में शासनादेश के नियमों को संज्ञान लेते हुए शिकायती पत्रों का निस्तारण किया गया तो पंप आॅपरेटर को नियुक्ति देने वाले अधिकारी और पंप आॅपरेटर दोनों की मुसीबत बढ़ना तय है एक बार फिर नगर के लोगों ने सूबे की योगी सरकार  का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पूर्व की सपा बसपा सरकार में फर्जी तरीके से पंप आॅपरेटर की नियुक्ति की जांच कराए जाने और फजीर्वाड़ा करने वाले दोषियों को दंडित किए जाने की मांग की है

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