राकेश केशरी
सरायअकिल,कौशाम्बी। स्थानीय कस्बे के चावल मंडी में आयोजित हो रही रामलीला में सोमवार की रात धनुष यज्ञ व सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। प्रभु श्रीराम के धनुष तोड़ने पर जनकनंदिनी सीता राम के गले में वरमाला डालकर उनका वरण करती हैं। इस आनंदोत्सव के समय दर्शकों ने राम और सीता पर फूलों की वर्षा करते हुए जय सियाराम के जयकारे लगाए। माता सीता के स्वयंवर में देश-विदेश के राजा, महाराजा, राजकुमार व योद्धा शामिल हुए। सभी ने शिव धनुष को उठाने की कोशिश की। उठाना तो दूर, वे इसे हिला तक नहीं सके। यह देख राजा जनक निराश होकर कहते है कि लगता है पृथ्वी वीरों से खाली हो गई है इस बात पर लक्ष्मण क्रोधित हो जातें है। अंत में महर्षि विश्वामित्र की आज्ञा से राम उठे और धनुष को उठा कर ज्यों ही प्रत्यंचा चढ़ाने की कोशिश की, धनुष पलभर में ही टूट गया। धनुष टूटने व श्रीराम के गले में सीता के वरमाला डालते ही आकाश मार्ग से सभी देवताओं ने पुष्पों की वर्षा की। इसी बीच शिव धनुष के टूटने के संकेत से परशुराम अत्यंत क्रोधित हो गए और वह राजदरबार पहुंच गए। परशुराम व लक्ष्मण के बीच हुए तीखे संवाद का भी रामलीला प्रेमियों ने खूब आनंद लिया। अंत में राम की विनम्रता के आगे परशुराम नतमस्तक हो गए। रामलीला में धनुष यज्ञ की इस लीला को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ जुटी थी। इस दौरान कलाकारों के अभिनय की मौजूद दर्शकों ने खूब सराहना की। इस अवसर पर नगर अध्यक्ष शिवदानी, अनिल केशरवानी, शंकरलाल, कृष्णनारायण रस्तोगी, दिलीप उर्फ रंगा केसरवानी,संतोष सोनी, रमेश स्वर्णकार, लल्ली रस्तोगी, आदि लोग मौजूद रहे।