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व्यवहारिकता के धरातल पर कौन सी संस्था कहाँ खड़ी

Friday, October 28, 2022

/ by Today Warta

 


राकेश केसरी

सर्वे से खुलेगी एनजीओ की पोल.पट्टी

कौशाम्बी। गैर सरकारी संस्थाओं का पूरा का पूरा हिसाब.किताब जल्द ही सरकार की नजर में आ जायेगा। इसके लिये सर्वे शुरू कर दिया गया है। दिसम्बर तक सर्वे चलाया जायेगा। इस दौरान सभी संस्थाओं की पोल.पट्टी खुल कर सामने आ जायेगी कि कौन कितने पानी में है। जनपद में कितनी गैर सरकारी संस्थायें काम कर रही है? कितनी राज्य सरकार की एजेन्सीज से और कितनी केन्द्र सरकार की परियोजना से फण्ड ले रही है? कितनी संस्थाओं की फण्डिंग विदेश की एजेन्सियों से हो रही है ? कितनी संस्थायें काली सूची में है और उन्हे काली सूची में डालने वाले कौन कौन से विभाग है? कितनी संस्थायें अब मृत घोषित हो चुकी है ? यदि इन सवालों का जवाब चाहा जाये तो शायद यही उत्तर मिलेगा कि पता नहीं। जानकारों का कहना है कि सरकारी और सामाजिक परियोजनाओं के नामों पर काम करने वाली सरकारी एजेन्सियों से लाखों करोड़ों का फण्ड लेने वाली खुद को अलाभकारी बताने वाली गैर सरकारी संस्थाओं के बारे में खुद सरकार को ही कुछ पता नहीं होता कि संस्था जो भी काम कर रही है अथवा जो फण्डिंग ले रही है, उसका व्यवहारिक स्तर क्या है? शायद यही कारण है कि अब ऐसी संस्थाओं का डेटा बैंक बनाये जाने की कवायद शुरू कर दी गयी है। खास बात यह है कि अब इस डेटा बैंक के लिये सोसायटी रजिस्ट्रेशन ऐक्ट 1860 के तहत सभी पंजीकृत नॉन प्रॉफिट संस्थाओं को अपने सारे राज खोलने होंगे। इस प्रकार की संस्थाओं के सर्वे के लिये यू.पी. डिवेलपमेण्ट सिस्टम कॉरपोरेशन लिमिटेड के लोग लगाये गये है। इन संस्थाओं को सर्वे के दौरान दिये गये सवालों का जवाब देना होगा। इन सवालों के एक भाग में संस्था के काम के बारे में जानकारी ली जा रही है तो दूसरे भाग में वित्तीय स्थिति की जानकारी। इससे साफ हो जायेगा कि व्यवहारिकता के धरातल पर कौन सी संस्था कहाँ खड़ी है ?

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