राकेश केसरी
कौशाम्बी। नगर पालिका मंझनपुर के मड़ूकी टेनशाह आलमाबाद गांव में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा में बुधवार को श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के चैथे दिन भगवान कृष्ण के जन्म से संबंधित प्रसंग सुनाया गया। कथावाचक ने बताया कि भगवान कृष्ण का जन्म राक्षसों का संघार करने के लिए हुआ था। श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण की सामूहिक जय-जयकार के बीच पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ उनका जन्मदिवस मनाया। कार्यक्रम स्थल को विभिन्न प्रकार के रंगों के गुब्बारों से सजाया गया और बधाई गीतों के बीच भक्तिमय वातावरण बना रहा। चैथे दिन की कथा में कथा व्यास धनंजय दास महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि संकल्प लेकर जो कार्य किया जाता है। उसको निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि वह श्रवण की गई कथा से संबंधित बिंदुओं को कथा स्थल पर ही न छोड़कर न जाये, बल्कि अपने जीवन में उनको स्थान दिलाए। क्षत्रिय का जन्म भारत भूमि की पावन धरा पर इसीलिए होता है। वह देश, धर्म, संत, सनातन और पितरो के साथ ही माताओं और बहनों की रक्षा कर सके। भागवत पुराण, वेद, उपनिषद, रामचरित मानस जैसे सभी ग्रंथों का नियमित रूप से वाचन और श्रवण करने की प्रक्रिया अपनाने की बात भी कही। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनन तभी सार्थक होगा। जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें। कार्यक्रम की सफलता में आयोजक परिवार के सभी सदस्यों के साथ पं० रवीन्द्रनाथ शुक्ल, रमेश चन्द्र शुक्ल, दिनेश चन्द्र शुक्ल, उपेन्द्रनाथ शुक्ल, दीपू, रत्नाकर, गुणाकर, दिवाकर, सुधाकर शुक्ल, मुन्नुलाल तिवारी, शिवम शुक्ला, सत्यनारायण दीक्षित आदि भक्त मौजूद रहे।


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