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भागवत कथा श्रवण मात्र से मिलती है पापों से मुक्ति-धनंजय दास महाराज

Tuesday, October 11, 2022

/ by Today Warta



राकेश केसरी

मडूकी गांव में चल रही है भागवत कथा का तीसरा दिन

कौशाम्बी। कलयुग में भागवत कथा भगवान को जानने का सबसे सरल साधन है। भगवान नारद जी का कहना है कि भागवत कथा श्रवण मात्र से ही प्राणी अपने पापों से मुक्ति पा जाता है,इसके लिए जरूरी है कि वह मन में यह पश्चाताप कर ले कि वह फिर से कभी पाप की ओर नहीं जाएगा। उक्त उद्गार मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज के अनन्य शिष्य धनंजय महाराज मंझनपुर तहसील क्षेत्र के मडूकी गांव में चल रही भागवत कथा में मंगलवार को भक्तों कथा सुनाते हुए कही। कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि नारद मुनि सनकादी ऋषि से कहते हैं भागवत कथा वेद पुराण अन्य जितने भी धार्मिक ग्रंथ हैं उनका सार है। भागवत कथा कहते हुए उन्होंने कहा कि मन में भक्ति उत्पन्न होती है और भक्ति जब बढ़ती है तो अपने आप वैराग्य आ जाता है और यह भक्ति मानव जीवन को धन्य बनाते हुए मोक्ष प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा वह अमृत है, जिसके पान से भय, भूख, रोग व संताप सब कुछ स्वतरू ही नष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को मन, बुद्धि, चित एकाग्र कर अपने आप को ईश्वर के चरणों में समर्पित करते हुए भागवत कथा को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए। भागवत के श्रवण मनन से सात दिनों में सात गांठ फोड़कर, पवित्र होकर, प्रेत योनि से मुक्त होकर भगवान के वैकुण्ठ धाम में चला गया। भागवत कथा के तीसरे दिन राजा परीक्षित की कथा सुनाई।  जिसमें उन्होंने बताया कि कलयुग के प्रभाव से उनका यश का नाश हो गया वह सोचने लगे कि उन्हें जीवन त्याग देना चाहिए। इस बीच ब्राह्मणों ने बताया कि सांप काटने से उनकी मौत सात दिन बाद हो जायेगी,राजपाठ अपने पुत्र जन्मेजय को सौप दिया और गंगा किनारे चले गए और सुकदेव जी महाराज से भागवत कथा सुनी जिनसे उन्हें मोक्ष की प्राप्ती हुई। यह भागवत कथा का महत्व है। इस दौरान रवीन्द्रनाथ शुक्ल, रमेश चन्द्र शुक्ल, दिनेश चन्द्र शुक्ल, सुरेंद्र कुमार शुक्ला, अवधेश नारायण, रामकुमार, योगेंद्र, मालिक मिश्रा, राजेन्द्र प्रसाद, कृष्णा मुरारी, वेद प्रकाश पाण्डेय सत्यार्थी सहित सैंकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे हैं।


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