इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र
अतिवृष्टि से प्रभावित कृषकों की सूची तलब, निर्माणाधीन परियोजनाओं का निरीक्षण करें अधिकारी
पेयजल परियोजनाओं में न हो लीकेज की समस्या, दुग्ध आयुक्त/नोडल अधिकारी ने विकास कार्यों की जानी प्रगति
लोगों को आपदा से बचाव के उपायों एवं सीपीआर की जानकारी देने के निर्देश
ललितपुर। दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास, उ.प्र./नोडल अधिकारी शशिभूषण लाल सुशील की अध्यक्षता में जनपद के विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। समीक्षा बैठक में जल जीवन मिशन के बारे में बताया गया कि अधि.अभि. जल निगम अवनीश सिंह द्वारा बताया गया कि पेयजल परियोजनाओं में पानी को स्वच्छ रखने के लिए ऐरिएशन एवं क्लोरीनेशन करने के उपरान्त पानी को सीडब्ल्यूआर में भेजा जाता है, असके उपरान्त ओवरहेड टैंक में भेज दिया जाता है। पानी में पर्याप्त मात्रा में क्लोरीन मिलायी जाती है, जिससे वह पीने योग्य हो जाता है। इस पर नोडल अधिकारी ने पानी में मिलाये जाने वाले क्लोरीन की निर्धारित मात्रा की जानकारी ली। मौके पर अधि.अभि. जल निगम द्वारा बताया गा कि आज कालापहाड़ पेयजल परियोजना में पानी की सप्लाई प्रारम्भ हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि पानी की गुणवत्ता की जांच हेतु वर्तमान में जिला स्तर पर स्थापित लैब में जांच कराई जाती है। परियोजना में लैब बनाये जाने का प्राविधान है, शीघ्र ही लैब का निर्माण प्रारंभ करा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की जांच के लिए टेस्ट किट का भी वितरण कराया गया है, जिसके माध्यम से पानी की 100 प्रकार की जांचें की जा सकती हैं। इस पर नोडल अधिकारी ने निर्देश दिये कि परियोजना में लीकेज की शिकायतें नहीं आनी चाहिए, कल से ही परियोजना का रिव्यू प्रारंभ कर दें। उन्होंने कहा कि पानी की गुणवत्ता बनाये रखें, साथ ही जांच में जो कमियां पायी जाती हैं, उन्हें दूर करते हुए अगली बैठक में रखा जाए। घरौनी वितरण की समीक्षा में अपर जिलाधिकारी वि/रा गुलशन कुमार ने बताया कि जनपद में 608 ग्रामों में घरौनी का वितरण हो चुका है। घरौनी के लिए ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराया जाता है, जिसके बाद जमीन के मालिकाना हक सम्बंधी अभिलेख घरौनी सम्बंधित व्यक्ति को उपलब्ध करा दी जाती है। इस पर नोडल अधिकारी ने ड्रोन सर्वे की प्रक्रिया एवं रिपोर्ट तलब की। आपदा राहत की समीक्षा के दौरान अपर जिलाधिकारी वि/रा ने बताया कि जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं होती है, अतिवृष्टि के कारण ही फसलों को क्षति हुई है। जनपद में क्षति से प्रभावित किसानों का आंकलन कर मुआवजा हेतु प्रस्ताव भेज दिया गया है। इस पर निर्देश दिये गए कि सर्वे में कोई भी पात्र किसान छूटना नहीं चाहिए, सभी प्रभावित कृषकों को मुआवजा दिलाया जाए। साथ ही अतिवृष्टि से प्रभावित कृषकों की सूची उपलब्ध करायी जाए। अपर जिलधिकारी ने यह भी अवगत कराया कि जनपद में लोगों को आपदा से बचाव हेतु विभिन्न माध्यमों से जागरुक किया जा रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता कैम्प लगाये जा रहे हैं, साथ ही दामिनी एप भी इंस्टॉल कराया जा रहा है, इस एप के माध्यम से बिजली गिरने से 04 घण्टे पहले मोबाइल पर एलर्ट आ जाता है, जिसे सम्बंधित क्षेत्र के पंचायत सचिवों/ग्राम प्रधानों एवं अन्य जनप्रतिनिधयों को भेजकर सूचित कर दिया जाता है। मौके पर आपदा विशेषज्ञ आरती सिंह द्वारा खुले में आकाशीय बिजली से बचने के उपाय डेमो के माध्यम से बताये। इस पर निर्देश दिये गए कि लोगों को आपदा की संभावना के बारे में विभिन्न संचार माध्यमों से पूर्व से सूचित किया जाए, आपदा से बचने के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार करायें। फसल बीमा क्लेम की समीक्षा में बताया गया कि बीमित कृषकों को बीमा का लाभ दिलाये जाने हेतु प्रक्रिया चलन में है, जैसे ही केन्द्र एवं राज्य सरकार से बीमा कम्पनी को अनुदान प्राप्त हो जाएगा, तत्काल कृषकों को बीमा क्लेम दिलाया जाएगा। इस पर नोडल अधिकारी ने निर्देश दिये कि शासन से पत्राचार कर शीघ्रता से क्लेम करायें, साथ ही पत्राचार की प्रति उपलब्ध करायें। नोडल अधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि लोगों को जागरुकता कैम्प के माध्यम से सीपीआर के बारे में डेमो के माध्यम से बताया जाए, ताकि आवश्यक्ता की स्थिति में लोग बचाव कार्य कर सकें। राजकीय मेडिकल कॉलेज निर्माण की समीक्षा में सहायक अभियन्ता लोनिवि नवनीत सिंह ने अवगत कराया कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य झांसी डिवीजन के द्वारा कराया जा रहा है, इसमें दो कार्यदायी संस्था-एक निर्माण कार्य एवं दूसरी निरीक्षण कार्य कर रही हैं। इसके साथ ही निर्माण कार्य का क्वालिटी कंट्रोल विभाग एवं थर्ड पार्टी के द्वारा कराया जाता है। इस पर नोडल अधिकारी ने क्वालिटी प्रोटोकॉल तलब करते हुए निर्माण कार्य का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिये। मत्स्य कार्ड की समीक्षा में सहायक निदेशक मत्स्य ने बताया कि मत्स्य कार्ड हेतु बैंकों को आवेदन भेजे गए हैं, मछुआ समुदाय के लोगों के कार्ड बनाये जा रहे हैं। इस पर एलडीएम को निर्देशित किया गया कि लोगों के आवेदनों की कमियों को दूर करते हुए उन्हें ससमय निस्तारित करें। बैठक में जिलाधिकारी आलोक सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी वि./रा. गुलशन कुमार, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे लवकुश त्रिपाठी, प्र.मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.जे.एस.बक्शी, जिला विकास अधिकारी के.एन.पाण्डेय, पीडी डीआरडीए ए.के.सिंह, डीसी एनआरएलएम, जिला पंचायत राज अधिकारी नवीन मिश्रा, अधिअभि. जल निगम अवनीश सिंह, सहा. अभि. लोनिवि नवनीत सिंह सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।