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सिंगल यूज प्लास्टिक से जमीन हो जाती है बंजर : प्रो.राकेश नारायण द्विवेदी

Wednesday, October 19, 2022

/ by Today Warta



नेहरू महाविद्यालय में हुआ वृहद स्वच्छता कार्यक्रम

ललितपुर। राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रा इकाई पंचम की स्वयं सेविकाओं द्वारा नेहरू महाविद्यालय ललितपुर में स्वच्छ भारत (क्लीन इंडिया)-2 अभियान के अंतर्गत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर राकेश नारायण द्विवेदी के मार्गदर्शन में तथा इकाई पंचम की कार्यक्रम अधिकारी डा.प्रीति सिरौठिया के निर्देशन में वृहद स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वयं सेविकाओं ने महाविद्यालय के महिला छात्रावास, तुलसी सभागार, वाणिज्य संकाय, विज्ञान संकाय के आसपास स्वच्छता की। चारों ओर फैली सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे का संग्रहण किया। छात्रों द्वारा नित्य प्रति अपने साथ लाए गए चिप्स आदि के पैकेट, खाली पानी की बोतल, पॉलिथीन आदि को महाविद्यालय प्रांगण में ही फेंक दिया जाता है, जिसे आज इकाई पंचम की स्वयं सेवकों ने संग्रहित किया। कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रत्येक स्वयं सेविका को एक बोरी उपलब्ध कराई गई थी तथा डेढ़ किलोग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक के एकत्रीकरण का लक्ष्य दिया गया था, जिसे समस्त स्वयं सेविकाओं ने पूरी तत्परता से पूर्ण किया। तत्पश्चात महाविद्यालय के प्राचार्य की उपस्थिति में संग्रहित कचरे का निस्तारण किया गया। इस अवसर पर स्वच्छता के महत्व को प्रतिपादित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.राकेश नारायण द्विवेदी ने इकाई पंचम की स्वयं सेविकाओं को संबोधित करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक के खतरों को बताया। उन्होंने कहा केवल एक बार उपयोग के पश्चात हम जो प्लास्टिक को फेंक देते हैं, वह  हमारे पर्यावरण को सर्वाधिक नष्ट करता है। एक प्लास्टिक की पॉलीथिन 135 वर्ष में नष्ट होती है और उतने समय पृथ्वी के उतने हिस्से पर पड़ी रहने के कारण यह उसे बंजर कर देती है। प्लास्टिक हमारी पृथ्वी की हरीतिमा, उसकी उर्वरकता को हर रही है। संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. ओमप्रकाश शास्त्री ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि सृष्टि के प्रारंभ से जितना सृष्टि का दोहन नहीं हुआ उतना आधुनिक मानव ने पिछले 100 वर्ष में किया है। सिंगल यूज प्लास्टिक ना केवल पृथ्वी के जल को प्रदूषित करती है अपितु पूरे पारिस्थितिक तंत्र को भी नष्ट करती है। हमारे भूमिचर जीव इस प्लास्टिक को खाने के कारण कालकलवित हो जाते हैं। मानव अपनी लापरवाही से जब इसे जल में फेंक देता है तो जलीय जीव इसका शिकार होते हैं। जिस कारण से पूरी श्रृंखला प्रभावित होती है। आज का यह स्वच्छता अभियान प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान यज्ञ में एक छोटी सी आहुति है। कार्यक्रम अधिकारी डा.प्रीति सिरोठिया ने स्वयं सेविकाओं को संबोधित करते हुए कहा की निश्चित रूप से यदि देखा जाए तो मानव ने इस सृष्टि का बहुत नुकसान कर दिया तथापि शास्त्र कहते हैं कि जब जागे तभी सबेरा अभी भी हम अपने आसपास के पर्यावरण को बचा सकते हैं। प्रयास करें कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग ना किया जाए तथापि यदि उपयोग की परिस्थिति निर्मित होती भी है तो उसका नियम अनुसार विधिवत निस्तारण किया जाए। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र इकाई प्रथम के कार्यक्रम अधिकारी डा.ओपी चौधरी, डा.राजेश तिवारी, डा.दीपक कुमार पाठक, डा.अनूप दीक्षित, डा.पराग अग्रवाल, डा.संदीप श्रीवास्तव, डा.विनोद वर्मा, डा.रोहित वर्मा आदि उपस्थित रहे।

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