रावेंद्र शुक्ला
बारा। ज्ञान के प्रतीक राष्ट्रनायक बोधिसत्व बाबासाहेब डा. भीमराव रामजी अम्बेडकर के जन्मदिन की ही तरह संविधान दिवस (26 नवम्बर 1949) की 73 वीं वर्षगांठ पर एक दिवसीय संविधान मेला व संविधान महोत्सव- 2022 का आयोजन 26 नवम्बर 2022, को पूर्वाह्न 11: 00 बजे से डा. अम्बेडकर मूर्ति स्थल (निकट हाईकोर्ट) सिविल लाइन, प्रयागराज में किया जा रहा है। संविधान मेला के मुख्य संयोजक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज ने बुद्धवार को बारा तहसील के विकास खण्ड जसरा की ग्रामसभा दौना और सेधुआर में संविधान जागरूकता अभियान के दूसरे दिन आम जनमानस को बताया कि एक ओर जहां देश अपनी आजादी का 75वी वर्षगांठ "आजादी का अमृत महोत्सव" के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया तो वही दूसरी ओर संविधान का अनुच्छेद-17 अस्पृश्यता व छूआछूत मुक्त भारत देश के साथ संविधान के अनुच्छेद-15 जातिविहीन भारत देश का निर्माण व संविधान के अनुच्छेद 39 (ख) जमीन और उद्योगों के राष्ट्रीयकरण के साथ साथ संविधान के अनुच्छेद-13 रूढ़िवादी प्रथा को समाप्त कर वैज्ञानिकता पर आधारित समाज निर्माण की बात करता है। आजादी का अमृत महोत्सव की तरह संविधान दिवस की पचहत्तरवीं वर्षगांठ मनाये जाने में अभी मात्र दो वर्ष शेष बचे है, क्या केन्द्र और राज्य की सरकारे अपने सत्ता के दौरान संविधान के अनुच्छेद-13, 15, 17, 38 (क), 39 (ख) और अनुच्छेद- 290 का शतप्रतिशत पालन कराने में या तो फेल हुई है या उक्त अनुच्छेद में दिए गए प्राविधानों के विरुद्ध कार्य किये है। क्या केन्द्र और राज्य की ऐसी सरकारों को सत्ता में बने रहना चाहिये ? आईपी रामबृज ने आगे बताया कि भारत का संविधान ही सबसे पवित्र पुस्तक है। संविधान के साथ ही भारत का प्रत्येक नागरिक एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ सकता है। संविधान प्रदत्त अधिकारों को आमजन मानस को आगे बताते हुये कहा कि संविधान दिवस की 73 वीं वर्षगांठ पर आयोजित संविधान मेला व संविधान महोत्सव-2022 में उक्त अनुच्छेदों को वर्तमान सरकार से शतप्रतिशत लागू करवाने के लिये संविधान मेला आयोजित किया जा रहा है। संविधान की रक्षा व उसे अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये भारत के प्रत्येक नागरिकों से अपील किया और बताया कि संविधान में उल्लिखित अनुच्छेदों के द्वारा ही संविधान में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। संविधान मेला में सपरिवार साथी मित्रों सहित भारी से भारी संख्या में पहुंचकर संविधान मेला को सफल बनायें जाने की अपील किया। जागरूकता कार्यक्रम में राजाराम, अमरजीत, रामनरेश, रामबली, फूलचंद, आनंद, चंद्र दास, विनोद, पुष्पराज, धीरज, माधुरी, शकुंतला, कविता, कुसुम, ज्योति, सुशीला, जूली, रिंकी, महिमा, रूबी गुलाब कली, सुमन, उषा, गणेशी देवी, कंचन, विनीता, अंतिमा, सुषमा, राधा, लक्ष्मी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।