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बानपुर पंचकल्याणक : जन्मे शांतिकुमार, बजीं बधाइयां, भक्ति में झूमे भक्त, कुबेर ने लुटाया अपना खजाना

Wednesday, November 30, 2022

/ by Today Warta



जन्माभिषेक का निकला भव्य जुलुस,जन्माभिषेक देखने  उमड़े श्रद्धालु

बच्चों में अच्छे संस्कार डालें : मुनि श्री सुप्रभसागर

जन्मोत्सव पर कस्बे में बांटी गई मिठाई

जुलूस में ऐरावत हाथी, रुद्रावतार ढोल-वाद्य पथक, अमरावती (महा.), स्वस्ति महिला मण्डल, मौनियां, ढोल रहे आकर्षण का केन्द्र

बानपुर/ललितपुर। जनपद के कस्बा बानपुर में बस स्टैंण्ड स्थित महाराजा मर्दन सिंह क्रिकेट ग्राउंड बानपुर में  आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के सुयोग्य शिष्य मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज  ससंघ एवं मुनि श्री समत्व सागर जी महाराज ससंघ के मंगल सान्निध्य में चल रहे श्री मज्जिनेन्द्र शांतिनाथ चौबीसी तथा मानस्तम्भ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा, विश्वशांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव   में बुधवार को जन्म कल्याणक  की क्रियाएं  विधि विधान के साथ की गईं। विधि विधान  ब्रह्मचारी साकेत भैया के निर्देशन में  में मुख्य प्रतिष्ठाचार्य पंडित मुकेश 'विन्रम' गुड़गांव , प्रतिष्ठाचार्य डॉ हरिश्चन्द्र जैन सागर, पंडित निर्मल जैन गोंदिया महाराष्ट्र, पंडित अखिलेश जैन रमगड़ा के प्रतिष्ठाचार्योत्व में सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर सर्वप्रथम प्रातः6.30 बजे से

पात्र शुद्धि, अभिषेक, शांतिधारा एवं नित्यमह पूजन  की गई। जैसे ही आज प्रातः प्रतिष्ठाचार्य   ने यह घोषणा की कि तीर्थंकर बालक का जन्म हो गया है, श्रद्धालुओं में अपार खुशी छा गयी और श्रद्धालु भावी तीर्थंकर भगवान के जन्म  की खुशियां बांटने लगे। जन्म की  बधाईयां हुई इस पर  श्रद्धालु थिरकते दिखाई दिए। जन्म होते ही  मिठाईयां बाटी गयीं,  गगन भेदी नगाड़ो को बजाते हुए मंगल गान गाये गए। पाद प्रक्षालन का सौभाग्य अमित जैन राजाकारी परिवार को तथा शास्त्र भेंट बाबूलाल, अमित, नितिन, अर्थ, वर्ष ध्रुव कारी परिवार टीकमगढ़ को प्राप्त हुआ।

जन्माभिषेक का निकला भव्य जुलुस :

महोत्सव के प्रचारमंत्री डॉ. सुनील संचय-कपिल सराफ  ने बताया दोपहर में तीर्थंकर बालक  का विशाल जन्माभिषेक जुलुस निकाला गया। पाण्डुक शिला तक बालक तीर्थकर का भव्य जुलूस निकाला गया. जिसमें मुख्य आकर्षण ऐरावत हाथी, रुद्रावतार ढोल-वाद्य पथक, अमरावती (महाराष्ट्र), स्वस्ति महिला मण्डल, मड़ावरा, बानपुर की महिला एवं बालिका मंडल,मौनियां, ढोल, बग्गी तथा श्रद्धालु सुमधुर धुनों पर नृत्य करते हुए चल रहे थे। सम्पूर्ण नगर में मिष्ठान वितरण किया गया। पाण्डुक शिला पर प्रथम अभिषेक का सौभाग्य अशोक चौधरी परिवार बानपुर ने प्राप्त किया। जुलूस में  कुबेर अपना खजाना लुटाते हुए चल रहा था।   बैंड मधुर ध्वनि करते हुए चल रहा था।  सर्व सेवा साधु समिति के स्वयंसेवक निर्धारित परिधान में सभी को आकर्षित कर रहे थे। वासुपूज्य युवा संघ सहित विभिन्न स्वयंसेवी संघ दिव्य घोष आदि के माध्यम से जुलूस को भक्तिमय बना रहे थे। जूलूस में हाथी , घोड़े और बग्गियां क्रमशः चल रही थीं। जुलूस का स्वागत भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार जैन, विधायक रामरतन कुशवाहा, पंडित आशीष रावत, संदीप बुंदेला, अनिल यादव आदि ने किया। इस दौरान पांडुक शिला पर हुए जन्माभिषेक  को देखने श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाव उमड़ पड़ा। बालक शान्तिकुमार को लेकर सौधर्म इंद्र ने पांडुक शिला पर ले जाकर अभिषेक कराया।  इंद्राणी द्वारा  तीर्थंकर बालक  का  प्रथम दर्शन एवं इंद्र द्वारा सहस्र नेत्रों द्वारा दर्शन के सुंदर मनोरम प्रेरणादायी दृश्यों का मंचन पंचकल्याणक के पात्रों द्वारा किया गया जिसे देख दर्शक भाव-विभोर हो गए। तांडव नृत्य देख दर्शक ताली बजाने के लिए मजबूर हो गए। संगीतमय महाआरती एवं शास्त्र प्रवचन का आयोजन भी किया गया। बालक शांतिकुमार का पालना झुलाने भी खूब उत्साह देखा गया। इस दौरान मुनि श्री सुप्रभ सागर महाराज  ने अपने प्रवचन में कहा कि भावी तीर्थंकर जो आज बालक रूप में जन्मा है , उसके जन्म पर  प्रतिदिन करोड़ों रत्नों की बर्षा देव करते हैं।  लेकिन तीर्थंकर के लिए तो यह सब माया है। जो बालक इन रत्नों पर पैर रखकर चलने वाला है वह रत्नत्रय को प्राप्त करता है। 

अच्छे संस्कार डालें बच्चों में : उन्होंने कहा कि  बचपन में डाले गए संस्कार जीवन भर साथ देते हैं। ऐसे संस्कार डालो जिससे आपका नाम रोशन करे। अपने बच्चे में अच्छे  संस्कार का बीजारोपड़ करने के लिए आपको भी एक अच्छा  इंसान बनना होगा। जिससे आपका बच्चा आपको ही अपना मार्गदर्शक और आदर्श मान सके। मुनि श्री समत्व सागर ने कहा कि जो जन्म, मरण को भी मार देता है ऐसा जन्म तीर्थंकर भगवान का होता है। तीनों लोकों का सबसे पुण्यात्माजीव होता है तीर्थंकर भगवान।आयोजन को  सफल बनाने में महोत्सव की  आयोजन समिति व  उप समितियों, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों का  उल्लेखनीय योगदान रहा।इस दौरान सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।मुनिसंघ में मुनि श्री प्रणत सागर, मुनि श्री सौम्यसागर, मुनि श्री साक्ष्य सागर, मुनि श्री निवृत्तसागर विराजमान हैं।

गुरुवार को निकाली जाएगी चक्रवर्ती की दिग्विजय यात्रा :

महोत्सव के प्रचारमंत्री डॉ. सुनील संचय-कपिल सराफ  ने बताया कि  पंचकल्याणक महोत्सव में गुरुवार को चक्रवर्ती की दिग्विजय यात्रा  धूमधाम से निकाली जाएगी तथा पाठशाला अधिवेशन होगा।

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