इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र
अभिनंदनोदय तीर्थ में सिद्धो की आराधना शुरू
ललितपुर। निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधासागर महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करते कहा कि जीवन में परिणामों की निर्मलता ही मंगलकारी रहती है जरा विचार करो हमें मानव जन्म न मिलकर तिर्यंच योनी मिली होती। कई जन्मों के पुण्य के कारण मिले मानव जीवन के मूल्य को पहिचान कर उसको व्यर्थ में न गवाने की सीख दी। उन्होने कहा मानव जीवन मिलने के वाद हमें अपने जीवन को सदआचरण से जोडकर ऐसा प्रयास करना चाहिए कि जिससे हमारे द्वारा किसी का अहित न हो। मुनिश्री सुधासागर महाराज ने अपने जीवन को संवारने के लिए अनेक प्रेरणादायी प्रसंग सुनाए और कहा धर्म से जुडने पर ही व्यक्ति को सद आचरण और परिणामों को निर्मलता में जोडने की सीख मिलती है। आज प्रात:काल धर्मालुजनों ने भगवान अभिनंदन नाथ का अभिषेक किया इसके उपरान्त प्रभु की शान्तिधारा मुनिश्री मुखारविन्द से हुई। आचार्य श्री के चित्र का अनावरण दीपप्रज्जवलन किया तथा मुनि श्री का पादप्रक्षालन कर आर्शीवाद प्राप्त किया। पर्वराज अष्ठान्हिका महापर्व पर व्रहमचारी प्रदीप भैया सुयश के मार्गदर्शन एवं मुनि सुधासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में अभिनंदनोदय तीर्थ में सिद्धों की आराधना सिद्धचक्र महामण्डल विधान में इन्द्र इन्द्राणी भक्ति पूर्वक अर्घ समर्पित कर रहे हैं।