संजय धर द्विवेदी
लालापुर प्रयागराज।कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी 2 अक्टूबर बुधवार को अक्षय नवमी तथा आंवला नवमी कहते हैं अक्षय नवमी को जब दान दर्पण स्नान आज का अच्छा फल होता है इस दिन आंवले के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व है पूजन में कपूर या घी के दीपक से आमली की आरती करनी चाहिए तथा निम्न मंत्र बोलते हुए इस वृक्ष की परिक्रमा करने का भी विधान है । इसके बाद आंवले के वृक्ष के नीचे पवित्र ब्राह्मणों व सच्चे साधक भक्तों को भोजन करा कर फिर स्वयं भी भोजन करना चाहिए घर में आंवले का वृक्ष ना हो तो गमले में आंवले का पौधा लगाकर अथवा किसी पवित्र धार्मिक स्थल आश्रम आज में भी वृक्ष के नीचे पूजन कर सकते हैं कई आश्रमों में आंवले के वृक्ष लगे हुए हैं इस पुण्य स्थल में जाकर भी आप भोजन पूजन कर सकते हैं हमारे यहां अक्षय नवमी के दिन समस्त ग्राम वासी लोग आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर करते और कराते हैं इसकी जानकारी विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष श्री चन्द्र निधान पाण्डेय ने बताया आंवले के नीचे भोजन करने से मनवांछित फल भी प्राप्त होता है बताया उनका अक्षय नवमी के दिन आमला के नीचे भोजन नवमी अक्षय निरंतर विदित वर्षों से चल रहा है