राकेश केसरी
कौशाम्बी। शासन को सर्वाधिक राजस्व देने वाले आबकारी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से देसी की कमर तोडने का काम कच्ची शराब कर रही है। हालांकि पुलिस महकमा भी इसके लिए बीच.बीच में अभियान चलाता है,कच्ची शराब की बरामदगी और आरोपित पकड़े जाते हैं। इसके बावजूद देशी की तुलना में सस्ते दर पर मिलने वाली कच्ची शराब का बनना और बिकना जारी है। सैनी व कडाधाम थानाक्षेत्र के आधा दर्जन स्थानों पर यह धंधा चल रहा है। अभियान के नाम पर कुछ मात्रा में कच्ची शराब और इस धंधे से जुड़े कुछ लोगों को धर दबोचने वाला आबकारी व पुलिस महकमा इस धंधे को जड़ से खत्म करने में अब तक नाकाम रहा है, इसकी मुख्य वजह ठोस पहल न किया जाना है। वर्तमान समय में अव्वल अझुआ,देबीगंज,रामपुर धमावा,सिराथू कस्बा का हौली पर सहित कछार क्षेत्र के कई स्थानों पर रात के अंधेरे में साजो सामान बिछा कर कच्ची शराब बनाई जाती है। इसके शौकिन लोग अपनी लत को सस्ते दाम पर पूरा करने के लिए इसका सेवन करने के लिए मौके पर पहुंच जाते है। इससे कच्ची शराब के कारोबारियों को मोटा मुनाफा हो रहा है तो वहीं इस शराब को पीने वाले अपने जान को जोखिम में डाल रहे हैं। कच्ची पर लगाम नहीं लगने से इसका सीधा असर देशी शराब की दुकानों पर पड़ रहा है,बिक्री अपेक्षा के अनुरुप नहीं हो रहीं है। वहीं सरकारी राजस्व को भी भारी क्षति हो रही है।