राकेश केसरी
150 हेक्टेयर में बनेगा इंडस्ट्रियल हब,उद्यमियों ने दी इकाइयां लगाने की रजामंदी
कौशाम्बी। जिले का उद्योग विहीन होने का कलंक जल्द मिट सकता है। जिला उद्योग केंद्र ने प्रस्ताव भेज कर 150 हेक्टेयर एरिया में इंडस्ट्रियल हब बनाने का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण को भेजा है। प्रस्ताव को हरी झंडी मिलते ही यूपीईईडा की प्रयागराज इकाई इंडस्ट्रियल एरिया तैयार करेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि इस परियोजना के जमीन पर आने के बाद बेरोजगारी की समस्या स्थानीय स्तर पर खत्म हो जाएगी। मंझनपुर तहसील के भेलखा और गौसपुर टिकरी गांव आने वाले समय में इंडस्ट्रियल हब के रूप में उभर कर सामने आएंगे। औद्योगिक क्षेत्र बनाने की दिशा में पहला कदम जिला स्तरीय अधिकारियों ने बढ़ा दिया है। विभागीय जानकारी के मुताबिक भेलखा और टिकरी गांव का बड़ा हिस्सा चित्रकूट हाइवे के पास से होकर गुजरता है। जिसके चलते औद्योगिक एरिया विकसित होने के बाद ट्रांसपोटेशन की समस्या नहीं होगी। इस लिहाज से जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों ने मंझनपुर तहसील के अफसरों के संग बैठक कर गांव के 150 हेक्टेयर भूमि में इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया। जीएम डीआईसी एस सिद्दीकी ने बताया, गांव में भूमि का चयन कर राजस्व कर्मियों के अनुसार किया जा चुका है। पहले चरण में औद्योगिक इकाइयां स्थापित किये जाने के लिए प्रयागराज स्थित यूपीईईडा को प्रस्ताव भेजा गया है। जिस पर हरी झंडी मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण कराया जायेगा। करीब 150 हेक्टेयर में इंडस्ट्रियल हब तैयार होगा। जिसमे उत्पादन, व्यापार सहित रोजगार के अवसर विकसित होंगे। जीएम डीआईसी एस सिद्दीकी ने बताया कि यूपीईईडा को भेजे गए प्रस्ताव में जनपद के तमाम उद्यमियों ने अपनी इकाइयां लगाने पर रजामंदी जताई है। जिसके पहले यूपीईईडा चयनित एरिया में औद्योगिक इकाइयों को स्थापित होने के लिए जरुरी आधारभूत संरचना तैयार करेगा। उम्मीद है कि प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू हो जायेगा। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री रमेश अग्रहरि ने बताया कि जिले में बड़ी औद्योगिक इकाई की मांग वह पिछले 14 वर्षों से कर रहे थे। इंडस्ट्रियल हब तैयार होने के बाद जिले के 5 हजार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर तैयार होंगे। बैठक के दौरान उन्होंने जिला प्रशासन को पहले चरण में फूड प्रोसेसिंग, लौह उत्पाद, कपड़ा उद्योग, रेडीमेड कपडा और मसाले तैयार करने की इकाइयों का सुझाव दिया है। जिससे अधिक से अधिक लोगों को उत्पादन और बाजार के बीच में रोजगार के अवसर दिए जा सकें।