इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र
सीएमओ को दूरभाष पर दी गयी सूचना, भेजे गये फोटो-वीडियो
ललितपुर। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नई-नई योजनाओं से लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सुदूर ग्रामीण अंचलों से लोगों के अस्पताल आवागमन के लिए नि:शुल्क एम्ब्युलेंसों का संचालन भी किया जा रहा है। बावजूद इसके ग्रामीण अंचलों में निवासरत लोगों को कम खर्च में बेहतर उपचार देने का प्रलोभन देकर अवैध तरीके से संचालित फर्जी अस्पताल उनके जीवन से खिलबाड़ कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को निकटवर्ती ग्राम सिलगन से सामने आया है। यहां राजघाट मुख्य मार्ग किनारे फर्जी अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि इस फर्जी अस्पताल का बेखौफ संचालन गांव के पूर्व प्रधान द्वारा किया जा रहा है। मामले की जानकारी सीएमओ को दूरभाष के जरिए दी गयी है।
गौरतलब है कि ग्राम सिलगन में राजघाट रोड पर सड़क किनारे एक दो मंजिला मकान स्थित है, जिसमें अस्पताल संचालन की जानकारी ग्रामीणों द्वारा समय-समय पर दी जाती रही है। मामले की जानकारी करने पर पता चला कि बिना किसी वैद्य लाइसेंस और डिग्री के गांव के पूर्व प्रधान द्वारा फर्जी तरीके से अवैध क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। मौके पर पहुंच कर जब अस्पताल का संचालन कर रहे पूर्व प्रधान से दूरभाष पर वार्ता की गयी तो उनके द्वारा संतोषजनक उत्तर न देते हुये सीधे तौर पर शिकायत चिकित्सा विभाग के आलाधिकारियों से करने की बात कही गयी। तो वहीं क्लीनिक के बाहर बने चबूतरे पर बैठे गांव व अन्य गांव से आये लोगों ने बताया कि गांव के पूर्व प्रधान अपने घर में अस्पताल का संचालन करते हैं। उनके द्वारा मलेरिया, टायफाइड, सर्दी-जुकाम के साथ अन्य रोगों का उपचार कराने के लिए लोग आते हैं, जिनका उपचार उनके द्वारा किया जाता है और दवायें भी दी जाती हैं। गांव के लोगों ने यह भी बताया कि वह बिना किसी डिप्लोमा या डिग्री के ही लोगों का उपचार करते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार से फर्जी अस्पताल का संचालन करते हुये लोगों के जीवन से खिलबाड़ कैसे कर सकता है ?
मामले में जांच करेंगे : सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.जे.एस.बख्शी ने दूरभाष पर फर्जी अस्पताल संचालन की जानकारी दी गयी। जानकारी मिलने पर सीएमओ ने स्पष्ट तौर पर कहा कि मामले की जांच करायी जायेगी। यह एक संवेदनशील मामला है। उन्होंने पूर्व प्रधान का नाम दूरभाष के जरिए ही नोट करते हुये जांच कराये जाने की बात कही।