राकेश केसरी
कौशाम्बी। जन शिक्षण संस्थान कौशाम्बी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती जनजाति गौरव दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन संस्थान परिसर संविदा मंझनपुर में किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित जन शिक्षण संस्थान के निर्देशक राजकुमार पांडे ने सरस्वती प्रतिमा एवं भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित किए। मंगलवार को आयोजित हुए कार्यक्रम में वंशिका एवं करिश्मा द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में जन शिक्षण संस्थान के निर्देशक राजकुमार पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि प्रसिद्धि आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 इसवीं को झारखंड राज्य के खूंटी जिले के उलीहातू गांव में आदिवासी परिवार में हुआ था। इन्होंने अपने आदिवासी लोगों को लगाम माफी तथा न्याय दिलाने के लिए उन्हें एकत्रित कर अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह किया। जिसके परिणाम स्वरूप अंग्रेजों द्वारा रांची कारागार में इन्हें दंड दिया गया,जिससे इनकी मृत्यु हो गई। आज भी बिहार,उड़ीसा,झारखंड,छत्तीसगढ़ और पश्चिमी बंगाल के आदिवासी इलाकों में बिरसा मुंडा को भगवान की तरह पूजा जाता है। कार्यक्रम में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और राष्ट्रीय गौरव वीरता तथा अतीत के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने में आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देने हेतु प्रतिवर्ष 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती दिवस को जनजाति गौरव दिवस के रुप में मनाया जाता है, क्योंकि भगवान बिरसा मुंडा के नेतृत्व में इन आदिवासी समुदाय ने ब्रिटिश औपनिवेशिक निवेश शासन के खिलाफ भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आंदोलन किया गया,इसके पूर्व स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान विषय पर संवाद प्रतियोगिता का आयोजन तथा उससे संबंधित विषयों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी संजय सिंह,सहायक कार्यक्रम अधिकारी विजेंद्र मिश्रा, सुकेश कुमार, वैशाली केसरवानी,राजू शुक्ला,अनुदेशिका करिश्मा, रूपा,ममता आदि प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।