राकेश केसरी
कौशाम्बी महामाया राजकीय महाविद्यालय में दिनांक 26 नवम्बर को संविधान दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रोफेसर विनय कुमार प्राचार्य महामाया राजकीय महाविद्यालय ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर और माल्यार्पण कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो0 विनय कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि "प्रारूप समिति द्वारा संविधान का पहला प्रारूप फ़रवरी 1948 में पेश किया गया। और इस में संशोधन कराने के लिए लोगों को 8 महीने का वक़्त दिया गया। जितने भी संशोधन के मांग आये। जरूरत अनुसार उसमें संशोधन करके आठ महीने बाद अक्तूबर 1948 में इसे फिर से प्रकाशित किया गया। सरकार ने 2015 में डॉ0 भीमराव अंबेडकर की 125 वीं जयंती के रूप में घोषित किया उन्होंने अपनी बात इन पंक्तियों को कहकर समाप्त किया हमें अधिकार, कर्तव्य का बोध कराता संविधान शोषित ,गरीब , मजदूर का अधिकार दिलाता संविधान
इसी क्रम में डॉ0 रीता दयाल एवम असिस्टेंट प्रोफेसर, प्राचीन भारतीय इतिहास, एवम डॉ0 पवन कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर भूगोल ने अपने विचार साझा किया ततपश्चात संविधान की प्रस्तावना का पाठ करवाया गया और शपथ दिलवाई गयी। कार्यक्रम के अंत मे राष्ट्रगान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 अजय कुमार असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी द्वारा किया गया इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ0 अनिल कुमार ,असिस्टेंट प्रोफेसर गणित ,डॉ0 अमित कुमार शुक्ल,असिस्टेंट प्रोफेसर दर्शनशास्त्र ,डॉ0 पवन कुमार ,असिस्टेंट प्रोफेसर भूगोल , डॉ0 भावना केसरवानी असिस्टेंट प्रोफेसर , रसायन विज्ञान , डॉ0 तरीत अग्रवाल असिस्टेंट प्रोफेसर, अंग्रेजी, डॉ0 नीरज कुमार सिंह असिस्टेंट प्रोफेसर भौतिक विज्ञान एवं डॉ0 रमेश चंद्र ,असिस्टेंट प्रोफेसर, वाणिज्य एवम कर्मचारी तथा छात्र, छात्राएं उपस्थित रही।