राकेश केसरी
कौशाम्बी। जिलें में अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यहां सफेदपोश नेताओं के हौसलें इतने बुलंद है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद वो यमुना के घाटो से बेखौफ बालू खनन कर रहे हैं। गौरतलब यह है कि सफेदपोश नेताओ के इस कारनामें में यदि कोई पुलिस अधिकारी बाधक बनता है,उसका कार्यक्षेंत्र बदलनें में तनिक भी समय नही लगता। अवैंध खनन में एक दबंग नेता का हाथ बताया जा रहा है। हालांकि यहां पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई पर भी कई बार सवालिया निशान लग चुके है। वही खनन नियमों के अनुसार पर्यावरण को स्वच्छ बनाये रखने के लिये यमुना के घाटो पर बालू का खनन मजदूर के द्धारा फावड़े से कराया जाना चाहिये। ताकि नदी के स्वारुप न बिगडने पाये। साथ.ही जल मे रहने वाले जीव.जन्तुओ पर पर्यारण का दुषप्रभाव न पड़े। लेकिन जिले में यमुना के जिन खण्डो के लिये ई.टेण्डर हुआ है,उन घाटो में रात के अधेरे में जेसीबी व पोकलैण्ड से बालू का अवैंध खनन कराया जा रहा है। जिलें में अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यहां सफेदपोश नेताओं के हौसलें इतने बुलंद है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद वो यमुना के घाटो से बेखौफ बालू खनन कर रहे हैं। गौरतलब यह है कि सफेदपोश नेताओ के इस कारनामें में यदि कोई पुलिस अधिकारी बाधक बनता है,उसका कार्यक्षेंत्र बदलनें में तनिक भी समय नही लगता। अवैंध खनन में एक दबंग नेता का हाथ बताया जा रहा है। हालांकि यहां पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई पर भी कई बार सवालिया निशान लग चुके है।
बालू के अवैध खनन से तटबंध को खतरा
जिलें में यमुना नदी पर अवैध खनन जोरों पर चल रहा है। जबकि प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। बताते चले की बीते साल बालू माफियाओं द्वारा बड़े पैमाने पर यमुना नदी से बालू का अवैंध खनन कर यूपी के सुदूर क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा था। जिस पर जिलें के एक व्यक्ति ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट कर दिया था। जिसके बाद न्यायालय ने अवैंध बालू खनन की जांच सीबीआई को सौप दी थी। जिससे कुछ दिनों तक बालू खनन पर पाबन्दी रही। यूपी सरकार के निर्देश पर जिले के घाटो का ई.टेंण्डर चार वर्ष पूर्व में हुआ। वही वैंध घाटो की आड़ में इन दिनों फिर से बालू का अवैंध खनन जोरो पर है। कारोबारी अपने काले कारोबार में सफल है। बालू खनन पर रोक लगने से जहां कारोबारियों की चांदी ही चांदी है वही आम आदमी को काफी परेशानी हो गई है। जबकि अवैंध खनन से यमुना नदी के कई घाटो पर तटबंधों को टूटने का खतरा बढ़ चुका है। जिससे आने वाले दिनो में कई गांव बाढ़ से प्रभावित हो सकते है।