राकेश केसरी
कौशाम्बी। ओसा चैराहा स्थित सब्जी मण्डी के दिन बहुरते नहीं नजर आ रहे है। मण्डी में पसरी खामोशी किसानों के माथे पर शिकन पैदा कर रही है। उनका भाग्य अभी भी असमंजस के साए में घिरा नजर आ रहा है। स्थानीय प्रशासन के दवाब में फिलहाल मण्डी गेट के बाहर फुटकर सब्जी विक्रेता हप्ते मे दो दिन दुकान लगा रहे है। स्मरण दिला दें कि दो दसक पूर्व बसपा शासनकाल में किसानों के हित में करोड़ों की लागत से मण्डी का निर्माण कराया गया। स्थानीय किसानों में भी आश जगी कि मण्डी के संचालन के बाद उनके दिन बहुरेगें। उनका भी भाग्य पलटा खाएगा, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए किसानों की मंशा पर पानी फिरता गया। वहां नियुक्त कर्मचारियों के अलावा सन्नाटा ही नजर आता है। जबकि ओसा चैराहा पर मंगलवार व शनिवार को लगने वाली फुटकर बाजार मंण्डी गेट के बाहर लगाई जा रही हैं। जबकि निर्माण दो दसक पूरा होने के बाद थोक सब्जी व्यापारियों को मण्डी में नहीं बसाया जा सका। जिससे अरबो की लागत से बनी सब्जी मण्डी गुलजार नही हो सकी।