इन्द्रपाल सिंह प्रिइन्द्र
ललितपुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा डब्ल्यूएचओ यूनिट ललितपुर के सहयोग से प्रीवेंटल डिजीजेज (टीकाकरण के माध्यम से बचाव की जा सकने वाली बीमारियां) एवम एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस (अचानक होने वाला लकवा) के संबंध में जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विभिन्न विकासखंडों से आए चिकित्सकों एवम पैरा मेडिकल स्टाफ व निजी चिकित्सको द्वारा प्रतिभाग किया किया। बैठक का शुभारंभ जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा हुसैन खान ने किया। सीएमओ डॉ जे एस बक्शी ने बताया कि अंगों में लकवा के कई कारण हैं जिनमें से कुछ जीबी सिंड्रोम,पोलियो माईलाईटिस आदि प्रमुख हैं। वैक्सीन प्रीवेंटल डिजीज वह बीमारियां होती हैं,जिनसे समय से टीकाकरण कराकर बचा जा सकता है। जैसे डिप्थीरिया, कुकर खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस, मिजिल्स, रुबेला आदि है। उन्होंने जनसामान्य से ससमय टीकाकरण कराने की अपील की। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ हुसैन खान ने बताया कि डिप्थीरिया व कुकर खांसी का टीका उपलब्ध है। उन्होंने समय से टीकाकरण कराकर एवं साफ-सफाई को बढ़ावा देकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार जिले में इस वर्ष डिप्थीरिया के 6 मामले सामने आए हैं। वही कुकर खांसी के 11 संदिग्ध मामले है। कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ सौरभ सक्सेना ने बताया कि डिप्थीरिया जीवाणु जनित एक संक्रामक रोग है। इस रोग के लक्षण गले में झिल्ली बनना, सांस लेने एवम खाना निगलने में तकलीफ,सरदर्द, आवाज में परिवर्तन, बुखार,गर्दन के आसपास सूजन, नाक से रक्त मिश्रित स्राव आदि है। समय से इलाज नहीं लेने पर ह्रदय एवम तंत्रिका तंत्र को प्रभावित हो सकते हैं। वहीं,कुकर खांसी भी संक्रामक बीमारी है। इससे अन्य सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। खासकर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में काली खांसी अधिक देखी जाती है। इस बीमारी में व्यक्ति को सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। काली खांसी में व्यक्ति हमेशा खांसता रहता है। इस वजह इसे कुकुर खांसी भी कहा जाता है। दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खांसी रहने पर चिकित्सक से जरूर सलाह लेनी चाहिए। इस खांसी के कई लक्षण हैं, इसमें सांस लेने में तकलीफ और गले में घरघराहट शामिल है। कार्यशाला में सीएमओ डा.जे एस बक्शी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. हुसैन खान, कम्युनिटी मेडिसिन विशेषज्ञ डा.सौरभ सक्सेना आदि मौजूद रहे।