राकेश केसरी
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के ज्ञापन कार्यक्रम में उमड़ा शिक्षकों का सैलाब
कौशाम्बी। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ कौशाम्बी की जनपदीय इकाई ने प्रदेश नेतृत्व के निर्देश के क्रम में परिषदीय शिक्षकों के लिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी सशुल्क चिकित्सा बीमा का आदेश निरस्त कर शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ दिए जाने के सम्बंध में मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक मांगपत्र शुक्रवार जिला संयोजक ओम दत्त त्रिपाठी के नेतृत्व में जिलाधिकारी को सौंपा। जिलाध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश लगातार शिक्षक समाज के हित में पुरानी पेंशन, कैशलेस चिकित्सा सुविधा, पदोन्नति, स्थानांतरण सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दे मुख्यमंत्री के समक्ष उठाता रहा है। लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार बनने पर उनके कार्यालय द्वारा दिनाँक 21 अप्रैल 2022 को तथा बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा 24 अप्रैल 2022 को शिक्षकों को 100 दिन में कैशलेस चिकित्सा सुविधा दिए जाने संबंधी ट्वीट किया गया था। किंतु शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा दिए जाने के निर्देश की बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी जानबूझकर अवहेलना कर रहे हैं और मुख्यमंत्री के निर्देश के सात माह बाद बीमा कंपनियों के एजेंट बन शिक्षकों को सशुल्क स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी दिलवाने के प्रयास में हैं। इसी क्रम में सचिव, उशप्रश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा सशुल्क चिकित्सा बीमा का आदेश पत्रांक बे०शि०प०/7624 777/2022-23 7 दिसम्बर 2022 को जारी किया गया है। इससे प्रदेश के समस्त शिक्षक आक्रोशित है और अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के सशुल्क चिकित्सा बीमा के आदेश को निरस्त कर परिषदीय शिक्षकों के सम्मान व हित को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भाँति कैशलेस चिकित्सा सुविधा दिए जाने की मांग की है। इस अवसर पर मायापति त्रिपाठी,भूपेंद्र सिंह,दिलीप त्रिगुणायत,राजीव निर्मल,सीमा मिश्रा,आकांक्षा वर्मा,मदन यादव,नितिन यादव,दीपक सिंह पटेल,अजय सिंह,त्रिभुवन सिंह,अवनीश मिश्र,शेष कुमार,शाहिद अली,प्रभाकर प्रसाद,मिथलेश गुप्ता,कौशल कुमार,राजू केसरवानी, बालचंद्र,रघुनाथ द्विवेदी सहित भारी संख्या में शिक्षक शिक्षिकाएँ मौजूद रहे।