प्रतिबंध के बावजूद प्लास्टिक के बोतल में दे रहे हैं पेट्रोल
प्रयागराज/शंकरगढ़। जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ क्षेत्र के पेट्रोल पंपों पर खुलेआम मानक के विपरीत नियमों को ताक पर रखकर कानून की धज्जियां उड़ाते देखा जा सकता है कभी भी बड़ी दुर्घटना को नकारा नहीं जा सकता बावजूद इसके संबंधित विभाग के आला अधिकारियों के आंखों पर काठ का चश्मा चढ़ा हुआ है। सूत्रों की माने तो कभी कभार संबंधित विभाग से जांच टीम आई भी तो वह अपनी मेहमान नवाजी करा कर बैरंग वापस लौट जाता है।और इसी तरह सब कुछ अपने ढर्रे पर चलता रहता है। क्षेत्र के शिवराजपुर, रानीगंज रोड सहित शंकरगढ़ क्षेत्र के अन्य पेट्रोल पंपों में कर्मचारी प्लास्टिक की बोतलों में पेट्रोल देते आसानी से देखे जा सकते हैं जबकि प्लास्टिक की बोतलों में पेट्रोल देना लेना प्रतिबंधित है। लोगों के सुरक्षा के मद्देनजर इस पर पाबंदी लगाना जरूरी भी है,लेकिन पंपों पर खुलेआम इस नियम से खिलवाड़ करते तथा बिना आनाकानी किए बोतलों में पेट्रोल डाल दिया जाता है। पेट्रोलियम पदार्थ अत्यंत ज्वलनशील होता है। आसपास हल्की सी भी चिंगारी इस व्यवस्था पर भारी पड़ सकती है। इसके लिए सरकार ने सुरक्षा नियम तय किए हैं जिसका पालन सभी पेट्रोलियम कंपनी के पंपों में अनिवार्य रूप से करना होता है। लेकिन शंकरगढ़ क्षेत्र के पेट्रोल पंप में कर्मचारी इस नियम को ठेंगा दिखाकर पेट्रोल बेच रहे हैं। अपने इस कृत्य से स्वयं पंप परिसर में मौजूद लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। लगभग क्षेत्र के सभी पेट्रोल पंप में ऐसा ही हो रहा है उपभोक्ता भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। कुछ उपभोक्ता पेट्रोल पंप में मोबाइल से बात करने पर प्रतिबंध होने के बावजूद मोबाइल उपयोग करते नजर आते हैं। सुविधाओं पर अव्यवस्था भारी पड़ती नजर आ रही है। मानक के मुताबिक पेट्रोल पंपों में उपभोक्ताओं के लिए हवा, पानी तथा शौचालय की व्यवस्था करना जरूरी होता है, साथ ही इसकी सुविधा 24 घंटे मुहैया भी करानी होती है। इसके साथ ही पेट्रोल की शुद्धता माप की जांच के लिए भी सामान उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराना है। क्षेत्र के अधिकांश पेट्रोल पंपों में इन सुविधाओं का अभाव है और अव्यवस्था उस पर भरी पड़ रही है। पेयजल शौचालय तो जैसे तैसे मिल जाते हैं,लेकिन निशुल्क हवा भरने की मशीन हमेशा खराब ही नजर आती है। यदि कोई उपभोक्ता संचालक से पूछ भी लिया तो वह वर्कर कम होने या कोई अन्य कारण बता उपभोक्ता को आगे बढ़ाकर जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि जिम्मेदार अधिकारी इन मानक विहीन पेट्रोल पंपों पर कार्रवाई करते हैं या फिर यूं ही नजरअंदाज कर उपभोक्ताओं की जान जोखिम में डालकर मनमानी पर उतारू पेट्रोल पंपों के संचालकउनके साथ खिलवाड़ करते रहेंगे। और उपभोक्ताओं की जेबों पर डाका डालकर अपनी जेबों को गर्म कर मालामाल होते रहेंगे। यह तो भविष्य के गर्त में छिपा हुआ यक्ष प्रश्न है।