मोहम्मद जमाल
उन्नाव। मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर बड़े ही श्रद्धा-भाव से दान किया। खिचड़ी के दान से लेकर तिल व मिष्ठान समेत खाने पीने की वस्तुओं का दान कर पुण्य कमाया। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने बड़े ही विधि विधान से पतित पावनी मां गंगा की पूजा-अर्चना कर सुख और समृद्धि की कामना की। इस मौके पर सभी घाट हर हर महादेव शंभू, काशी विश्वनाथ गंगे के जयघोष से गूंजते रहे। मकर संक्रांति के अवसर पर देर रात से ही श्रद्धालुओं का गंगा के घाटों पर आना प्रारंभ हो गया था। भोर पहर से शुरू हुआ गंगा स्नान देर शाम तक चलता रहा। लोगों ने गंगा स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान देकर पुण्य लाभ लिया। श्रद्धालुओं ने गंगा के घाटों व तटों पर भगवान सत्य नारायन की कथा सुनीं व प्रसाद बांटा। आचार्य सृजध्वज ने बताया कि पौष पूर्णिमा पर गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। इस दिन गंगा स्नान करने व दान करने से कोटि-कोटि जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। शुक्लागंज में गंगा पुल के नीचे स्नान करने वालों की सुबह के समय खासी भीड़ रही। इसके बाद धीरे धीरे भीड़ कम होती चली गई।