राकेश केशरी
कौशाम्बी। रबी की प्रमुख फसल गेहूं को रोग से बचाव के लिए विभाग ने किसानों को सुझाव दिए हैं। वायुमंडल में आद्रता वृद्धि के साथ तापमान में गिरावट है इससे फसलों में कीट रोक के प्रकोप बढ़ने के संभावना है। किसान फसल की निगरानी करें। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि फसलों को पाले से बचाने के लिए खेत में नमी बनाए रखें। आलू, सरसों में झुलसा रोग, मटर में फंफूदीजनक रोग से नियंत्रण के लिए ट्राईकोडर्मा हरजेनिम दो प्रति डब्लूपी 2.5 किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से 400-500 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। सरसों में माहू से बचाव के लिए इजाडिरेक्टीन 0.15 प्रति ईसी मात्रा 2.5 लीटर या डाईमेथोएट 30 प्रति ईसी एक लीटर अथवा आक्सीडिमेटान मिथाइल ओडिमेटान 25 प्रति ईसी मात्रा एक लीटर को प्रति हेक्टयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। गेहूं में पीला व गेरुई रोग से बचाव के लिए किसान प्रोपी कोनालाजोल 25 प्रति ईसी मात्रा 500 मिली. को प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।