राकेश केशरी
कौशाम्बी। रबी सीजन में राजकीय नलकूप बेपानी हो गए हैं। जरूरत के समय नलकूप खराब हैं, इससे किसानों की समस्या बढ़ गई है। किसान नलकूप व विद्युत विभाग के फेर में फंस गए हैं। सिचाई के लिए किसान निजी साधन अपनाने को मजबूर हैं। जिले में एक लाख से अधिक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबी सीजन में फसलों की बोआई की गई है। इन फसलों की सिचाई अब चरम पर है। जो किसान राजकीय नलकूप पर निर्भर रहते हैं, उनके लिए खराब ट्यूबवेल मुसीबत बन गए हैं। जिलें के कई विकास खण्डों में लगे दर्जनों नलकूप लंबे समय से विद्युत दोष के चलते खराब है। नालियां व कुलाबे भी क्षतिग्रस्त हैं। जनपद में सिचाई के लिए 500 से अधिक राजकीय नलकूप हैं। इसमें से सैकडो नलकूप खराब हैं। किसानो का कहना है कि गेहूं फसल की सिचाई होनी है। नलकूप खराब होने से समस्या है। निजी साधन से सिचाई करने में अधिक खर्च आता है।