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पुष्पजी की सातवी पुण्यतिथि नवागढ़ में विविध आयोजनों के साथ मनायी जाएगी

Wednesday, January 4, 2023

/ by Today Warta



राजीव कुमार जैन रानू

निशुल्क चिकित्सा शिविर और कम्बल वितरण किया जाएगा

ललितपुर। प्रागैतिहासिक क्षेत्र नवागढ़ जैन धर्म की प्राचीनतम संस्कृति का संवाहक है । यहां विशेषज्ञों द्वारा किए गए अन्वेषणों से इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व के विशेष आयाम स्थापित किए गए हैं। नवागढ़ क्षेत्र के लिए जीवन पर्यंत समर्पित रहे प्रतिष्ठा पितामह पं.गुलाबचंद्र पुष्प प्रतिष्ठाचार्य की स्मृति में पुष्प  परिवार द्वारा प्रतिवर्ष निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन करके ग्रामीण जनों को सभी प्रकार की चिकित्सा सेवा एवं औषधि वितरण किया जाता है। क्षेत्र के निर्देशक ब्र.जयनिशांत ने पुष्पजी के सपने को साकार करने का संकल्प किया है। आप निरंतर नवागढ़ क्षेत्र के पुरातत्व के अन्वेषण एवं विकास के लिए दृढ़ता एवं समर्पण के साथ संलग्न है। इसी का सुफल है कि आज नवागढ़ क्षेत्र प्राचीनतम पुरातात्विक धरोहर के लिए विश्व विख्यात हो रहा है। क्षेत्र के प्रचारमंत्री डा.सुनील जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिष्ठा पितामह पं. गुलाबचंद पुष्प प्रतिष्ठाचार्य की सप्तम पुण्य स्मृति में आयोजित नि:शुल्क चिकित्सा एवं औषधि वितरण शिविर 08 जनवरी 2023, रविवार को प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़, में सुबह 11 बजे से प्रारम्भ होगा। इस शिविर में डा.अमित चौधरी अध्यक्षता करेंगे तथा आमंत्रित चिकित्सक हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ, डा. यू.सी.जैन, डा.सुधीर, डा.ऊषा किरण जैन, डा.शुभम जैन, डा.हीरालाल जैन, डा.ओ.पी. सचान, डा.एम.एल.जैन, डा.डी.के. जैन, डा.भरत, सन्मति जैन, डा.नरेन्द्र जैन हैं। औषधि सहयोग ज्ञानचंद्र जैन का रहेगा। कार्यक्रम के ध्वजारोहणकर्ता अमित तथा मुख्य अतिथि यादवेन्द्र सिंह पूर्व मंत्री म.प्र. शासन होंगे। नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में स्त्री रोग, दंत रोग, नेत्र रोग के साथ सामान्य रोगियों को निशुल्क औषधि वितरण तथा कंबल वितरण करने का निश्चय किया है। इस अवसर पर सुबह मंगलाष्टक, अभिषेक, शांतिधारा, पूजन आदि धार्मिक अनुष्ठान के साथ शुभारंभ किया जाएगा। इसके बाद पुष्प को श्रद्धांजलि समर्पित कर उनका गुणानुवाद किया जाएगा। पं.गुलाबचंद पुष्प देश के सर्वमान्य प्रतिष्ठाचार्य रहे हैं, आपके द्वारा 200 से अधिक पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव सफलतापूर्वक संपन्न कराए गए हैं। 150 से अधिक नवीन जिनालयों की स्थापना आपके कुशल निर्देशन में की गई। अखिल भारतवर्षीय विद्वत समूह एवं श्रेष्ठियों द्वारा आपको पुष्पांजलि ग्रंथ समर्पण करके प्रतिष्ठा पितामह की उपाधि से अलंकृत किया गया था। आपके समग्र समर्पण से ही आज नवागढ़ क्षेत्र जन-जन की आस्था का केंद्र बन रहा है।

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