चित्रकूट चित्रकूट जेल के अंदर एक कमरे से माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास की पत्नी निखत को पकड़ा गया है। एक खुफिया सूचना पर ऊट-रढ ने जेल में छापा मारकर निखत को पकड़ा है। जिस कमरे में निखत मिली, उसमें बाहर से ताला बंद था। ऊट-रढ ने खुद अपने सामने ताला खुलवाया। निखत हर दिन अवैध तरीके से जेल में अब्बास से 3-4 घंटे मुलाकात करती थी। पुलिस ने निखत को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में जेलर संतोष कुमार पांडेय, डिप्टी जेलर पीयूष पांडेय और 5 जेल वार्डन को सस्पेंड कर दिया गया है। जेल सुपरिटेंडेंट अशोक सागर को सस्पेंड करने की सिफारिश शासन से की गई। उन्नाव के जेलर राजीव कुमार को सिंह चित्रकूट जेल का प्रभार दिया गया है। चित्रकूट ऊट अभिषेक आनंद ने कहा, क्रवार को हमें सूचना मिली थी कि जेल में बंद संवेदनशील कैदी अवैध तरीके से मुलाकात कर रहे हैं। इस पर DM के साथ जेल में छापा मारा गया। वहां अब्बास अपनी बैरक में नहीं मिला। इसके बाद जेल परिसर के कमरों की तलाशी ली गई। एक कमरे में बाहर से ताला लगा था, जिसे खुलवाया गया, तो अंदर अब्बास की पत्नी निखत मिली।" बताया जा रहा है कि अब्बास को छापे से थोड़ी देर पहले ही जेल कर्मियों ने कमरे से निकाल दिया था। सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी मनी लॉड्रिंग केस में 18 नवंबर 2022 से चित्रकूट जेल में बंद है। वह मऊ सीट से विधायक है।यह निखत बानो की फाइल फोटो है। ऊट ने कहा कि वह अवैध तरीके से जेल में पति अब्बास से मुलाकात करने पहुंची थी। यह निखत बानो की फाइल फोटो है। DM ने कहा कि वह अवैध तरीके से जेल में पति अब्बास से मुलाकात करने पहुंची थी।
जेलर समेत 7 के खिलाफ FIR, प्रयागराज DIG को जांच
चित्रकूट रढ वृंदा शुक्ला ने कहा, 'निखत की तलाशी ली गई, तो उसके बैग से दो मोबाइल फोन और सऊदी अरब की करेंसी (रियाल) बरामद हुई है। उसने बताया कि वह मुलाकात करने आई है। हालांकि, जेल में मुलाकात का जो रजिस्टर था उसमें उसके सिग्नेचर नहीं थे। वह अवैध तरीके से मुलाकात करने पहुंची थी।' मामले में रगौली चौकी प्रभारी श्याम देव सिंह ने कर्वी कोतवाली में अब्बास, उनकी पत्नी निखत, जेलर अशोक सागर, डिप्टी जेलर सुशील कुमार, ड्राइवर नियाज, कॉन्स्टेबल जगमोहन और कुछ अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है। गृह विभाग के आदेश पर ऊकॠ जेल प्रयागराज को जांच सौंपी गई है। वहीं, अब्बास की पत्नी और उसके ड्राइवर नियाज का मेडिकल कराने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। निखत और ड्राइवर नियाज को 16 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में चित्रकूट जेल भेज दिया गया है।
यह फोटो विधानसभा चुनाव 2022 के समय की है। अब्बास अंसारी मऊ के पहाड़पुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहा था।
यह फोटो विधानसभा चुनाव 2022 के समय की है। अब्बास अंसारी मऊ के पहाड़पुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहा था।
ऋकफ में लिखा- निखत को अब्बास से मिलने की रोक-टोक नहीं
ह्यमैं अपनी चौकी पर उपस्थित था। तभी मुखबिर ने सूचना दी कि चित्रकूट जेल में बंद अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो अपने ड्राइवर नियाज के साथ पिछले कई दिनों से सुबह 11 बजे जेल में आती हैं। तीन-चार घंटे अंदर बिताकर वापस चली जाती है। निखत बानो को अब्बास से मिलने के लिए कोई पर्ची व रोक टोक नहीं रहती। अब्बास के खिलाफ कोर्ट में गंभीर मामले विचाराधीन हैं। अब्बास चित्रकूट जेल में रहकर अपनी पत्नी के मोबाइल फोन से मुकदमे के गवाहों और अफसरों को डराता धमकाता है। पैसे की मांग भी करता है। इसके बाद उसके गुर्गे लोगों से रुपया वसूल कर अब्बास तक पहुंचाते हैं। अब्बास की पत्नी जेल के अफसर/ कर्मचारियों को तमाम उपहार पैसा-प्रलोभन देती है। वह जेल के अफसरों और कर्मचारियों की मदद से अब्बास को जेल से भगाने की योजना बना रही है। इसका पता चलते ही मैंने तुरंत सीनियर अफसरों को इसकी जानकारी दी। थोड़ी देर बाद करीब 1 बजे ऊट और रढ सादी वर्दी में प्राइवेट वाहन से मुझे लेकर वहां पहुंचे। जेल में चेकिंग शुरू की गई। अब्बास अंसारी की बैरक को चेक किया गया, लेकिन अब्बास नहीं मिला। पूछने पर जेल अफसर जानकारी नहीं दे पाए। DM/SSP ने एक जेल कर्मी से कड़ाई से पूछा तो उसने बताया कि अब्बास अपनी पत्नी के साथ जेलर ऑफिस के बगल वाले कमरे में हैं। वह कमरा बंद था। जब उस कमरे का ताला खुलवाया गया तो उसकी पत्नी निखत वहां मौजूद थी। जिला जेल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बताया कि कुछ ही मिनट पहले एक जेल कर्मी अब्बास को उस कमरे से निकालकर बैरक की ओर ले गया है। निखत बानो के सामान की तलाशी लेने पर उसके पास से एक बैग मिला।
निखत तुरंत अपने मोबाइल से कुछ डेटा डिलीट करने लगी। जब उसे ऐसा करने से रोका गया तो उसने गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। उसने पासवर्ड भी नहीं दिया।
निखत का ड्राइवर भी गिरफ्तार
चौकी इंचार्ज के मुताबिक, निखत का ड्राइवर भी इस साजिश में शामिल था, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों अब्बास अंसारी को फोन उपलब्ध कराते थे। अब्बास उसी फोन से मुकदमे के गवाहों को धमकाता था। उन्हें जान से मारने की धमकी भी देता था।
अफसरों से 'हिसाब किताब' वाले बयान से बढ़ी थी मुसीबतें
अब्बास पर मनी लांड्रिंग, भड़काऊ भाषण व धमकी देने के आरोप हैं। 3 मार्च, 2022 को पहाड़पुर इलाके में अब्बास के भाषण की वीडियो क्लिप वायरल हुई थी। इसमें अब्बास ने एक जनसभा के दौरान कहा था, 'समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से कहकर आया हूं कि 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी भइया। जो यहां है, यहीं रहेगा, पहले हिसाब किताब होगा। उसके बाद उनके जाने के सर्टिफिकेट पर मुहर लगाया जाएगा।' अब्बास का वीडियो वायरल होते ही लखनऊ तक खलबली मच गई थी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने इसका संज्ञान लिया और अधिकारियों को अब्बास के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था।
यूपी में अब्बास के खिलाफ 7 मुकदमे हैं दर्ज
मुख्तार अंसारी मऊ सदर से सुभासपा से विधायक है। भड़काऊ भाषण को लेकर अब्बास पर गाजीपुर और मऊ में केस दर्ज हैं। मऊ वाले केस में अब्बास के खिलाफ धारा 186 (सरकारी काम में बाधा डालना) धारा 189 (लोक सेवक को धमकी), धारा 153अ (किसी वर्ग विशेष के खिलाफ बयान या अशांति का प्रयास) और धारा 120इ (आपराधिक षड्यंत्र) लगाई गई थीं।