मोहम्मद जमाल
हसनगंज:बीबीपुर में जिला पंचायत सदस्य इंद्रमोहन सिंह और पूर्व प्रधान पति होरी लाल द्वारा यातनाएं देने के बाद पुलिस द्वारा फर्जी आर्म्स एक्ट में जेल भेजने के मामला उजागर हुआ तो एसपी ने जांच एएसपी और सीओ को सौंपी। सीओ की जांच में जिला पंचायत सदस्य और पूर्व प्रधान पति दोषी मिले।जिसपर क्षेत्र में चर्चा है कि आर्म्स एक्ट में फर्जी जेल भेजने की जांच कर रहे एएसपी दोषी पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए जांच में टालमटोल कर रहे।जिसपर 2 फरवरी को जमानत पर जेल से रिहा हुए सुनील को दोषी पुलिस कर्मी बयान बदलने के लिए दबाव बनाने के साथ प्रलोभन दे रहे।सुनील ने बताया कि जब से वह जेल से बाहर आया हैं तब से कई बार मोहान चौकी के पुलिस कर्मी बयान बदलने का दबाव बना रहे हैं।यहां तक बयान बदलने के बदले में ब्लॉक के अधिकारियों से कहकर पक्का घर बनवाने तक का लालच दिया।पीड़ित ने बताया जो पुलिस कर्मियों ने घर से खाना खाते उठाकर कोतवाली ले जाकर असलहा हाथ में रखकर फर्जी आर्म्स एक्ट में जेल भेजा था वही पुलिस कर्मी रविवार को उसके घर पहुंचकर एक कीपैड मोबाइल उसे देकर कहने लगे कि अब हम तुम्हारे साथ हैं उस समय दबाव था इस लिए मजबूरी में तुम्हारे साथ ऐसा हुआ अब तुम मोबाइल रखो तुमसे बात करना होगा तो इसी पर कर लिया करेगे।मना किया तो पुलिस कर्मी घर में मोबाइल रख कर चले आए। पीड़ित ने बताया कि मोबाइल,घर के बजाय न्याय नही दिया जा रहा।यदि इंद्रमोहन सिंह और होरी लाल जेल नही भेजे गए तो वो लोग हमारे पूरे परिवार की हत्या करवा देंगे।
- जेल में भी किया गया प्रताड़ित
सुनील ने बताया कि जब जेल में की साहब पूंछतांछ करने गए थे तब वह बार बार कह रहे थे कि इंद्रमोहन का नाम क्यों ले रहे हो उसका नाम लेना बंद करो।जब इनरमोहन का नाम लेना बंद नही किया तो जेल के ही एक लंबरदार ने मारा था। सीओ दीपक कुमार सिंह ने बताया आर्म्स एक्ट की जांच एसएसपी कर रहे उनकी रिपोर्ट अभी नही गई हैं।हमने अपनी रिपोर्ट भेज दी है।बंधक बना कर मारने की धाराएं जांच में मिलने पर बढाई जायेगी।

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