राकेश केशरी
पहले दिन जनपदीय कारागार में चलाया गया अभियान
संभवित 21 मरीजो के बलगम की होगी जाँच
कौशाम्बी। जनपद समेत देश को वर्ष 2025 तक क्षय मुक्त बनाने की दिशा में विविध प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जिले में 20 फरवरी से टीबी रोगियों के खोजने का अभियान ( एक्टिव केस फाइंडिंग ) अभियान की शुरूवात जनपदीय कारागार में जाँच शिविर लगा कर किया गया। यह अभियान राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुरू हुआ। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 एस.के झा ने दी। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 झा ने बताया कि जिले में 20 फरवरी से टीबी रोगियों के खोजने का अभियान शुरू हो गया हैं जो 5 मार्च तक चलाया जाएगा। दस दिनों तक चलने वाले इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य टीम जनपद के कुल आबादी की 20 प्रतिशत जनसंख्या शहरी एवं ग्रामीण बस्ती तथा हाई रिस्क क्षेत्र, में घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करेगी और लोगों को टीबी रोग के प्रति जागरूक करेगी। उन्होंने बताया कि अभियान का फर्स्ट फेस 20 से 23 फरवरी (तीन दिन) अनाथालय,मदरसा, जेल, नर्वोदय विद्यालय, वृद्धा आश्रम में जांच के बाद यदि कोई रोगी धनात्मक पाया जाता है तो विभाग द्वारा उसका इलाज शुरू कराया जाएगा। त्तथा कार्यक्रम का सेकेण्ड फेस 24 फरवरी से 5 मार्च तक किया जायेगा इसमें आशा घर घर जाकर टीबी के मरीजो की खोज करेगी। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत स्वास्थ्य टीम कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करते हुए टीबी के मरीजों को चिन्हित करेगी उन्होंने बताया कि यदि किसी को दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आती हो और खांसते समय खून आता हो, सीने में दर्द तथा बुखार एवं वजन कम होने की शिकायत हो तो वे अपने बलगम की जांच अवश्य कराएं। सरकारी अस्पतालों में यह जांच निशुल्क कराई जाती है। डीपीपीसी अजीत कुमार क्षय रोग ने बताया कि अभियान का पहला दिन सोमवार को जनपदीय कारागार से शुरू कर दिया गया हैं उन्होंने कहा कि अभियान में जनपद की कुल जनसंख्या 18.7 लाख का 20 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं उन्होंने बताया कि कारागार में 825 लोगों कि शुगर, एचआईवी एवं टीबी की जाँच की गयी जिसमे से 21 संभावित लोगो के बलगम की जाँच की जाएगी। कार्यक्रम में प्रभारी जेल अधीक्षक-भूपेश कुमार सिंह,विनीता सिंह,अंसारी, कुवर सिंह,जगपाल,संजय,वरीना बानो,नागेन्द्र लाल एवं समस्त स्टाफ मौजूद रहे।