देश

national

उदयन व वासवदत्ता के अतीत कहानी की अटूट निशानी है,कौशाम्बी का किला

Monday, February 6, 2023

/ by Today Warta


राकेश केशरी

कौशाम्बी। सोलह महा-जनपद काल के वैभव का एक मात्र गवाह कौशाम्बी जिले के खंडहर आज भी मौजूद है। जिन्हें देखने दूर दूर से सैलानी मीलो की यात्रा कर पहुंचते है। काव्यखण्ड के अनुसार इस किले के भग्नावशेष ढाई हजार साल पहले हुई राजा उदयन और वासवदत्ता के प्रेम कहानी कहते हैं। कभी किले से सटे यमुना के तट पर राजा उदयन घोषवती वीणा से मंत्र मुग्ध करने वाली संगीत की तान छेड़ा करते थे। महाकवि भास के प्रसिद्व संस्कृत नाटक स्वप्नवासवदत्ता के अनुसार पुरुवंशीय उदयन वत्स देश के राजा थे। जिनकी राजधानी कौशाम्बी हुआ करती थी। राजा उदयन के पास घोषवती नामक वीणा थी। जिसका वादन अदभुत था। वीणा की ख्याति सुनकर अवन्ति राज्य की राजधानी उज्जयिनी के राजा प्रद्योत ने छल से उदयन को कैद कर लिया। उदयन को प्रद्योत ने अपने बेटी वासवदत्ता के लिए वीणा शिक्षक नियुक्त कर दिया। इस दौरान वासवदत्ता और उदयन की प्रेम कहानी की शुरूआत हुई। राजा उदयन को बाद में उनके सेनापति यौगंधनारायण ने छुड़ा कर अपने राज्य ले गया। उदयन और वासवदत्ता की प्रणय काल में घोषवती वीणा के स्वर यमुना नदी के तट पर बजा करते थे। जनपद मुख्यालय मंझनपुर से 40 किलोमीटर दूर यह खंडहर कभी एक समृद्ध एवं वैभवशाली नगर हुआ करता था। सोलह महाजनपद वत्स की राजधानी कोशम के नाम से विख्यात नगर आज वीरान है। इस विरासत को भारतीय पुरातत्व विभाग ने संरक्षित कर रखा है। जिसे देखने वर्ष भर सैलानी दूर दराज से आते है। सैलानी धर्मेंद्र सिंह बताते है कि उन्होंने कौशाम्बी के बारे में राजा उदयन और वासवदत्ता की प्रेम कहानी के एक मात्र गवाह किले को देखने आये है। यहां आने पर उन्हें रोमांचकारी अनुभव हुए। लेकिन दु:ख होता है कि सरकार इस विरासत को सहेज पाने में नाकाम साबित हो रही है। इसे एक बड़े पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। ताकि आने वाले समय में नई पीढ़ी भारत के वैभव को जान सके। सांसद विनोद सोनकर का कहना है कि कौशाम्बी के वैभवशाली इतिहास के गौरव को सहेजने के लिए उनके द्वारा तमाम प्रयास किये गए है। विरासत को सुरक्षित किया जा रहा है। बौद्ध सर्किट से जोड़ कर पर्यटन को बढ़ावा दिलाया जा रहा है। आने वाले समय में क्षेत्र को विकसित करने का प्रयास आज भी जारी है।


Don't Miss
© all rights reserved
Managed by 'Todat Warta'