राकेश केशरी
गावों को स्वच्छ रखने के लिए शासन ने सफाई कर्मियों की तैनाती तो की है, लेकिन उनकी कार्य प्रणाली के चलते सरकार की मंशा तार-तार हो रही है। गावों की साफ सफाई करने के बजाय सफाई कर्मी ब्लाक मुख्यालय के जिम्मेदारों की गणेश परिक्रमा तक सीमित रह सरकार के खजाने पर झाडू लगाने में जुटे हैं। सिराथू विकास खण्ड क्षेत्र में कुल 79 ग्राम पंचायतें हैं। शासन के निर्मल भारत अभियान को उस समय झटका लग गया,जब इन कर्मियों ने ब्लाक स्तर के अधिकारियों से सांठगांठ कर अपने सुविधा वाले गावों में तैनाती करवा ली। वर्तमान में आलम यह है कि रामपुर धमावा जैसी बड़ी ग्राम पंचायत में एक भी सफाई कर्मी की तैनाती नहीं है। वहीं दर्जनों ऐसी ग्राम पंचायतें हैं, जहां पर आवश्यकता से अधिक सफाईकर्मी तैनात किए गए हैं। विभाग के जिम्मेदारों ने हद तो तब कर दी जब बिना आबादी वाले दर्जनों गावों में सफाई कर्मियों की सेटिंग कर तैनाती कर दी है। बानगी के तौर पर नगियामई ग्राम पंचायत ग्रामीणो की माने तो इस गांव में नालियां बंद पड़ी हैं। सड़क पर झाडियां उग आई हैं। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत ब्लाक स्तरीय जिम्मेदारों से किया,लेकिन मामला ठंढे बस्ते में चला गया। इन लापरवाह सफाई कर्मियों को न तो काम करने की मंशा है और न ही किसी अधिकारी को शिकायत व जांच की चिंता है।