लखनऊ। 'सावधानी हटी दुर्घटना घटी'। इसी मूल मंत्र के सहारे रेलवे प्रति वर्ष करोड़ों यात्रियों को उनकी 'मंजिल' तक सुरक्षित पहुंचाता है। अब इसी मूल मंत्र के सहारे रेलवे ड्रोन कैमरों से अपने स्टेशनों की सुरक्षा करने जा रहा है। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में रेलवे स्टेशनों की निगरानी अब ड्रोन से भी होगी। ड्रोन कैमरे से उन स्टेशनों पर खासकर नजर रखी जाएगी जहां भीड़भाड़ अधिक होने की वजह से सुरक्षा की ज्यादा जरूरत होती है।
इसी क्रम में लखनऊ के चारबाग, लखनऊ जंक्शन, अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज समेत कई बड़े स्टेशनों की सूची तैयार की जा रही है। अगले कुछ महीने में चिह्नित स्टेशनों पर ड्रोन की मदद से नजर रखी जाएगी। बजट में सुरक्षा के लिए 400 करोड़ मिलने के बाद रेलवे ने कई व्यवस्थाओं को और आधुनिक करने की तैयारी शुरू कर दी है। सीसीटीवी कैमरों से लैस रेलवे स्टेशनों की निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे। वहीं, अधिक यात्रियों वाले स्टेशनों पर हाई डायमेंशन के सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे।
ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद से हर शख्स की गतिविधि पर नजर रखने में मदद मिलेगी। इसके लिए बकायदा कंट्रोल रूप भी स्थापित किया जाएगा। ऐसा होने से संदिग्धों का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। इसके साथ ही सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं। स्टेशनों पर जरूरत के अनुसार लगेज स्कैनर और मेटल डिटेक्टर की सुविधा भी बढ़ाई जाएगी। बिना स्कैनिंग के कोई भी सामान प्लैटफॉर्म पर नहीं जाएगा। हादसों पर लगाम के लिए रेलवे ट्रैक के किनारे फेसिंग भी बनवाई जाएगी।
योजना के कार्यान्वयन के लिए सभी मंडलों से हादसों वाले क्षेत्रों की रिपोर्ट तलब की गई है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा मानकों को और मजबूत किया जाएगा। चारबाग और लखनऊ जंक्शन को बम से उड़ाने की आए दिन धमकी मिलती है। अयोध्या स्टेशन पर भी यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से संबंधित स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था और सख्त की जाएगी। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के डीआरएम सुरेश कुमार ने बताया कि सुरक्षा से जुड़े मानकों पर लगातार काम किया जा रहा है। इसके लिए बजट भी बढ़ाया गया है।