कमल सिंह
आये दिन मनमानी व गलत तरीके से गरीब व किये जानें के सम्बन्ध में!
बाँदा सादर अवगत कराना है कि आरटीओ विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा पिछले कुछ महीनों से लगातार गरीब ई-रिक्शा चालकों के चालान व रिक्शों को सीज कर काली कमाई कर रहे हैं,आखिर कब तक आरटीओ विभाग के अधिकारी व कर्मचारी गरीब रिक्शे वालों को कागजों के नाम पर,कभी लाइसेंस के नाम पर, कभी फिटनेस को लेकर,कभी प्रदूषण को लेकर ,कभी रजिस्ट्रेशन को लेकर,तो कभी नम्बर प्लेट को लेकर बेवजह परेशान किया जायेगा, आखिर जिले में इतनी मनमानी क्यों हो रही है ?आरटीओ विभाग गरीब रिक्शे वालों को नियम-कानून के नाम पर परेशान करके उनके घर-परिवार की रोजी-रोटी छीनने का काम कर रहा है, जबकि आज महंगाई चरम सीमा पर है और लोग रोजी रोटी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं ,तथा आज जिलें में कई महीनों से उक्त गरीब ई-रिक्शा चालकों के चालान किये जा रहे हैं,उक्त तमाम रिक्शा चालकों के चालान रद्द करके ,सीज रिक्शों को वापस सौंपा जाये । और लाइसेंस आदि के लिये आरटीओ विभाग द्वारा जगह-जगह पर कैम्प लगाकर लाइसेंस जारी करवानें का कार्य सम्पन्न कराया जाए, क्योंकि जागरुकता व शिक्षा की कमी के कारण ही आज ई-रिक्शा चालकों के साथ ज्यादती हो रही है, जिन ई-रिक्शा चालकों के लाइसेंस जारी करनें की बात की जा रही हैं,उनमें ज्यादातर अशिक्षित या तो बहुत ही कम पढ़े-लिखे लोग हैं,जो लाइसेंस के लिये होनें वाली परीक्षा को ही पास नहीं कर सकते हैं,चूँकि वह परीक्षा ऑनलाइन सम्पन्न कराई जाती है,इसलिये अत्यन्त आवश्यक है कि पहले आरटीओ कार्यालय द्वारा एक विशेष अभियान चलाकर उक्त सभी ई रिक्शा चालकों के लाइसेंस जारी करवाये जायें । तत्पश्चात आरटीओ कार्यालय ई-रिक्शा चालकों पर कार्यवाही करनें के लिये स्वतंत्र होगा ।
यदि आरटीओ कार्यालय बाँदा के द्वारा अब आगे ई-रिक्शा चालकों के चालान ,या सीज किया गया या फिर गलत व्यवहार किया गया तो बुन्देलखण्ड इंसाफ सेना जिले के समस्त ई-रिक्शा चालकों के साथ आरटीओ ऑफिस के सामने एक वृहद जन आन्दोलन करनें पर मजबूर होगी,जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी!

Today Warta