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माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ आज अदालत में होंगे पेश

Tuesday, March 28, 2023

/ by Today Warta



प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को लेकर प्रयागराज पुलिस की टीमें सोमवार की शाम नैनी जेल पहुंच गईं। पुलिस टीम के घेरे में अतीक को शाम 6:30 बजे जेल में दाखिल कराया गया,जबकि बरेली जेल से अशरफ को 7:15 बजे लाया गया। दोनों को अलग-अलग हाई सिक्योरिटी बैरकों में रखा गया है।उमेश पाल अपहरणकांड में दोनों भाइयों को मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसी दिन अदालत मामले में फैसला सुनाएगी। खास यह है कि कोर्ट में अन्य किसी मामले की सुनवाई नहीं होगी। पुलिस की गाड़ियां अहमदाबाद के साबरमती जेल से करीब 23:30 घंटे की यात्रा के बाद नैनी स्थित सेंट्रल जेल पहुंचीं। अतीक को तनहाई बैरक में रखा गया, वहां 24 घंटे सीसीटीवी से निगरानी होगी। लखनऊ में बैठे आला अधिकारी भी अतीक की हर गतिविधियां लाइव देख सकेंगे। मंगलवार को अतीक को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उमेश पाल अपहरण कांड में सजा का एलान होगा। मामले में अतीक, अशरफ के साथ 11 आरोपी बनाए गए थे, जिनमें से एक आरोपी अंसार की मौत हो चुकी है।

कोर्ट में अभी अभियुक्तों के लिए वारंट जारी किया था। रविवार की सुबह प्रयागराज पुलिस की 45 सदस्यीय टीम गुजरात में साबरमती जेल पहुंची और वारंट को तामील करा दिया। शाम को छह बजे के करीब पुलिस टीम अतीक को लेकर प्रयागराज के लिए चल दी। करीब 13 सौ किलोमीटर का सफर पुलिस ने साढ़े तेइस घंटे में पूरा किया। नैनी जेल में पुलिस सोमवार को करीब साढ़े पांच बजे पहुंची और अतीक को दाखिल कर दिया। जेल में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए थे। अतीक अहमद के लिए हाई सिक्योरिटी तनहाई बैरक तैयार की गई थी। अतीक को मेडिकल के बाद सीधे बैरक में ले जाया गया। इसी बैरक में पहले अतीक के बेटे अली को रखा गया था। उसे दूसरी बैरक में भेज दिया गया है। अतीक की बैरक में बाडी वार्न कैमरे से लैस सुरक्षाकर्मी निगरानी में लगाए गए हैं। पुलिस ने इस बात का पुख्ता इंतजाम किया है कि अतीक, उसके भाई अशरफ और बेटे अली की जेल में कोई मुलाकात न हो सके। नैनी जेल से कचहरी तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शहर के प्रमुख इलाकों में फोर्स तैनात कर दी गई है। मंगलवार को एमपीएमएलए कोर्ट में सिर्फ उमेशपाल अपहरकांड की ही सुनवाई की जाएगी। बसपा विधायक रहे राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल का अपहरण 28 फरवरी 2006 को किया गया था। अतीक-अशरफ और उनके गुर्गों ने उमेश को रात भर पीटा और उससे हलफनामा पर लिखवा लिया कि हत्याकांड के समय वह मौके पर मौजूद नहीं था। न ही उसने किसी को देखा था। अगले दिन उमेश से कोर्ट में गवाही भी करा दी गई। 2007 में जब बसपा सरकार बनी तो घटना के 16 महीने बाद पांच जुलाई 2007 को उमेश पाल ने अतीक-अशरफ समेत 11 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसी मामले में अब अदालत अपना फैसला सुनाएगी।

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