राकेश केशरी
कोतवाल की निष्ठा पर खड़े हुए सवाल,यमुना नदी में हो रहे खनन के मामले में खनन अधिकारी की भूमिका पर उठने लगे सवाल
कौशाम्बी। महेवा घाट थाना क्षेत्र के यमुना नदी के उमरावा बालू घाट में एसडीएम मंझनपुर ने सीओ और खनन अधिकारी के साथ मिलकर मंगलवार को छापा मारकर पोकलैंड मशीन से बालू खनन के कारनामे का खुलासा किया। बालू घाट में यमुना नदी से खनन में लगी पोकलैंड मशीन को उप जिलाधिकारी की टीम ने सीज कर दिया और मौके पर ओवरलोड ट्रक को जांच टीम के अधिकारियों ने पकड़ा और उस पर भी कार्रवाई कर दी,लेकिन अब सवाल उठता है कि उप जिला अधिकारी और क्षेत्राधिकारी की टीम बालू घाट पहुंचने के पूर्व महेवाघाट थानेदार ने उमरावा बालू घाट संचालक पोकलैंड मशीन मालिक चालक पर कार्रवाई कर अवैध खनन रोकने का प्रयास कर क्यों कार्यवाही नहीं की थी,महीनों से इलाके में हो रहे अवैध खनन पर थानेदार की आखिर क्या जवाबदेही है। लंबे समय से उमरावा बालू घाट में मशीनें लगाकर यमुना नदी से बालू का खनन हो रहा था,यमुना नदी से खनन के मामले में एनजीटी के नियमों का भी उल्लंघन हुआ है,लेकिन खनन अधिकारी और थानेदार तमाशबीन बने रहे। खनन विभाग से लेकर थाना पुलिस ने कार्यवाही नहीं की। मामला जब मीडिया की सुर्खियों में आया आला अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया और टीम गठित कर बालू घाट की जांच कराए जाने का निर्देश एसडीएम को दिया। अधिकारियों का निर्देश मिलने के बाद एसडीएम अपनी टीम के साथ बालू घाट उमरावा पहुंचे और सोशल मीडिया में वायरल खबर सच साबित हुई। मौके पर पोकलैंड मशीन चल रही थी,ओवरलोड ट्रक खड़ी थी जिन पर एसडीएम की टीम ने कार्रवाई कर दी,लेकिन अब सवाल उठता है कि थाना पुलिस ने बालू माफियाओं पर टीम पहुंचने के पूर्व क्यों करवाई नहीं कि,आखिर थाना पुलिस का बालू माफियाओं और ओवरलोड वाहन स्वामियों से क्या लगाव है,जिसके चलते थानेदार ओवरलोड वाहनों पर और यमुना नदी में चल रही पोकलैंड मशीन पर कार्यवाही नहीं कर सके। वही एसडीएम की कार्यवाही के बाद महेवाघाट थानेदार की निष्ठा पर सवाल खड़े हो गए हैं और बालू माफियाओं से महेवाघाट थानेदार की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। माफियाओं के साथ संलिप्तता रखने वाले थानेदार के कारनामों पर अभी पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की है,ऐसे गंभीर प्रकरण में भी थानेदारों को निलंबित कर उनकी विभागीय जांच शुरू नही कराई जाएगी तो माफियाओं से सांठगांठ करने वाले थानेदारों पर कैसे अंकुश लगेगा। मामले को आला अधिकारियों को गंभीरता से लेना होगा खनन अधिकारी और महेवाघाट थानेदार के कारनामों पर इन्हें निलंबित करते हुए इनकी विभागीय जांच शुरू कराए जाने की जरूरत महसूस हो रही है।