कमल सिंह
बाँदा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आगामी होली पर्व को देखते हुए भारत स्वाभिमान न्यास, पतंजलि योगपीठ हरिद्वार और इंडियन योग एसोशिएशन उत्तर प्रदेश स्टेट चैप्टर कमेटी के चित्रकूटधाम मंडल प्रभारी सजल कुमार रेन्डर द्वारा प्राकृतिक रंगों के इस्तेमाल पर पुनः जागरूकता अभियान चलाया गया। प्राकृतिक रंगों के इस्तेमाल हेतु पिछले कई सालों से अपने स्वर्गीय पिता जी की प्रेरणा से* लगातार यह अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों में जाकर छात्रों और शिक्षकों को जानकारी दी जाती है और उन्हें रासायनिक रंगों से बचने की सलाहदी जाती है। इस वर्ष भी यह अभियान आदर्श बजरंग विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ,भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी श्रीनाथ विहार और रामादेवी पब्लिक स्कूल आवास विकास में चलाया गया। जिसमें रासायनिक रंगों से होने वाले धनिया आदि और फूलों में गेंदा, गुलाब, गुड़हल और पलाश/ टेशू के फूल आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। सबसे सरल और आसान तरीका पलाश के फूलों से रंग बनाने का है और जो बुन्देलखण्ड में बहुतायत से उपलब्ध है। होली पर्व के आसपास ही इन पेड़ों में फूल आने लगते हैं। *पलाश के फूलों से बने रंग त्वचा को फायदा पहुंचाते हैं पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं और भीगे हुए फूलों कि बदन पर मालिश करने से चर्म रोग, चेचक जैसी खतरनाक बीमारी की समस्या से निजात मिलती है। अत्यधिक गर्मी महसूस होने पर इनके ताजे फूलों का शरबत पीने से शीतलता मिलती है। पलास के फूल खून को साफ करने का भी काम करता है। शुगर तथा यौन दुर्बलता दूर करने में भी सहायक है। पलाश के फूलों को रात भर पानी में भिगोकर रखने से ही रंग तैयार हो जाता है और इसमें बहुत ही अच्छी सुगंध भी आती है। इन *सभी विद्यालयों में छात्रों तथा शिक्षकों को पलाश के फूलों से रंग बनाकर उसको दिखाया गया राजा देवी इंटर कॉलेज नरैनी रोड के प्रधानाचार्य महोदय *आदरणीय श्री संजय कुमार जी, आदर्श बजरंग विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार् श्री राजेंद्र सिंह जी, भागवत प्रसाद मेमोरियल एकेडमी के प्रबंधक आदरणीय श्री अंकित कुशवाहा जी और रामादेवी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य महोदय आदरणीय श्री क्षितिज त्रिपाठी जी को पलाश के फूलों की थैली व रंगभेंट किए गए। कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों और छात्रों से संकल्प करवाया गया कि वह *रासायनिक रंगों का इस्तेमाल होली पर नहीं करेंगे

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