राकेश केशरी
कौशाम्बी। दोआबा में झूठ के पैमाने से भूजल स्तर नापा जा रहा है। पानी की हकीकत जानने के लिए ब्लाकवार पीजो मीटर लगाए गए हैं। इसके जरिए भू.जल स्तर नापा जाता था,कितनी तेजी से पानी घट रहा है इसकी सटीक जानकारी पीजो मीटर से ही होती थी लेकिन यह पीजो मीटर ही बर्स्ट हो गए हैं। अधिकांश पीजो मीटर खराब होने से भू.गर्भ विभाग की रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगने लगे हैं। जिले के आठों ब्लाकों में भू.जल स्तर की माप के लिए पीजो मीटर लगाए गए हैं। करीब 45 पीजो मीटर लगाए गए हैं। इनमें से दर्जनों पीजो मीटर खराब हो गए हैं। बोरिंग करने के बाद यह मीटर लगाया जाता है। कौशाम्बी का भू.जल स्तर इतना नीचे गिर गया है कि यह पीजो मीटर बेकार हो गए हैं। पानी न होने के कारण पीजो मीटर शोपीस बन कर रह गए हैं। भू.गर्भ विभाग पीजो मीटर की देखभाल और उसकी माप करता रहता है। बर्स्ट हुए पीजो मीटर की जगह नए पीजो मीटर लगने थे लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते यह कवायद करीब पांच सालों से ठप है। इससे कौशाम्बी में कितनी तेजी से पानी का स्तर नीचे गिर रहा है इसका सटीक अनुमान नहीं लग रहा है। पुरानी बुकलेट से आंकड़े निकालकर विभाग के इंजीनियर उसमें फेरबदल करते हैं और शासन को रिपोर्ट भेजकर खामोश हो जाते हैं। इसका खुलासा हो चुका है। भू.गर्भ विभाग से संबंधित कई अन्य विभागों की नजर इस खेल पर पड़ गई है। जल निगम ने भी तेवर बदल लिए हैं। जल निगम और भू.गर्भ विभाग की रिपोर्ट में काफी अंतर है। इसके बावजूद भू.गर्भ विभाग के अफसरों की नींद नहीं टूट रही है। बतादे कि भू.जल स्तर मापने का सबसे अचूक यंत्र है पीजो मीटर। कौशाम्बी में करीब 45 पीजो मीटर लगाए गए हैं। कई गांवों में इनको लगाया गया है। बोरिंग कराने के बाद इसको बंद कर दिया जाता है। समय.समय पर विभाग के इंजीनियर बोरिंग में मीटर डालकर पानी का स्तर जानते रहते हैं। जबकि भू.गर्भ विभाग के इंजीनियर व वैज्ञानिकों का इलाहाबाद में कार्यालय है। कौशाम्बी में एक इंजीनियर को तैनात किया गया है लेकिन वह कभी जिले में नहीं आते हैं। महत्वपूर्ण बैठकों से भी वह नदारद रहते हैं। भू.गर्भ दिवस पर ही विभाग के इंजीनियर व वैज्ञानिक आते हैं और बोतल बंद पानी पीकर बड़ी.बड़ी बाते करते हैं और गिरते जल स्तर पर चिंता जताते हैं। इसके बाद फिर लौटकर नहीं आते हैं। इस संबध में सहायक अभियंता,लघु सिंचाई का कहना है कि भू.जल स्तर मापने की जिम्मेदारी भू.गर्भ विभाग की है। जिले में लगे कई पीजो मीटर पूरी तरह से खराब हो गए हैं। इनकी जगह नए पीजो मीटर लगना था लेकिन अब तक नहीं लग सका है।