प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी एसटीएफ को एक चौंकाने वाली जानकारी मिली है। आशंका जताई जा रही है कि हत्याकांड में जिन असलहों का इस्तेमाल हुआ, वह दिल्ली से मंगाए गए। उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी एसटीएफ को एक चौंकाने वाली जानकारी मिली है। आशंका जताई जा रही है कि हत्याकांड में जिन असलहों का इस्तेमाल हुआ, वह दिल्ली से मंगाए गए। फरार चल रहे पांच लाख के इनामी मुख्य शूटर असद के दिल्ली में पकड़े गए मददगार से पूछताछ में इस बात के क्लू मिले हैं। फिलहाल एसटीएफ इसकी तस्दीक में लगी हुई है। दरअसल दो दिन पहले ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खालिद, जीशान व जावेद नाम के तीन युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पूछताछ में इन्होंने कबूला है कि उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य शूटर असद व गुलाम वारदात के बाद न सिर्फ उनसे आकर मिले। बल्कि उन्होंने दोनों को शरण भी दी। उनकी मदद से ही दोनों संगमविहार में करीब 15 दिनों तक फरारी काटते रहे। इसके बाद वहां से निकल भागे। इसमें से मुख्य खालिद है जिसने असद को कुछ दिनों के लिए अपने घर में भी छिपाया था। खास बात यह है कि खालिद जिस अवतार सिंह नाम के शख्स की निशानदेही पर पकड़ा गया, वह एक अंतरराज्यीय असलहा तस्कर है। पुलिस ने उसे असलहे संग गिरफ्तार किया था। सबसे बड़ी बात यह है कि पूछताछ में उसने कबूला है कि उसने खलिद उसके दोस्त जीशान को कुछ दिनों पहले ही 10 असलहे सप्लाई किए थे। ऐसे में इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि उमेश पाल हत्याकांड में कहीं इन्हीं असलहों का इस्तेमाल तो नहीं हुआा। फिलहाल एसटीएफ की एक टीम दिल्ली में ही डेरा डाले हुए है। जो शूटरों की तलाश के साथ ही इस सूचना की पुष्टि में भी लगी हुई है। दिल्ली के शेखसराय से गिरफ्तार खालिद असद का दोस्त है। दरअसल उसका पिता अतीक का वफादार रहा है। जिसके चलते वह भी अतीक और उसके परिजनों के संपर्क में आ गया। इसी क्रम में उसकी असद से बातचीत होने लगी और फिर दोनों दोस्त बन गए। बता दें कि खालिद व जीशान की गिरफ्तारी के दौरान दिल्ली पुलिस ने उनके कब्जे से दो अत्याधुनिक पिस्टल बरामद की हैं।