राकेश केशरी
कौशाम्बी। नगर पंचायत सिराथू के कैथनबाग में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन रविवार को कथा व्यास से सुदामा चरित्र व शुकदेव विदाई के साथ परीक्षित मोक्ष कथा का संगीतमय वर्णन किया। सुदामा चरित्र की कथा सुन श्र्रोता भाव विभोर हो गए। जय श्रीकृष्ण के जयकारे से पूजा पंडाल गुंजायमान हो उठा। कथा व्यास आचार्य डॉ0 अखिलेश ने कहा कि मित्रता करो तो भगवान श्रीकृष्ण व सुदामा के जैसे करो। सच्चा मित्र वही है तो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए मदद कर दे। लेकिन आज-कल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता तब तक मित्रता रहती है। इसके साथ की कथा व्यास ने शुकदेव विदाई के साथ भगवान श्रीकृष्ण के 16 हजार एक सौ आठ विवाहों का वर्णन किया। श्रीमद्भागवत कथा के बाद भजन हुआ। व्यास पीठ पूजन के साथ कथा पूर्ण की गई। अनिरूद्ध पांडेय ने बताया कि सोमवार को कथा की पूणार्हुति और मंगलवार को प्रसाद वितरण होगा।