राकेश केशरी
पहली बार वजूद में आई नगर पंचायत दारानगर कडाधाम में मतदाता करेगे मतदान
कौशाम्बी। जिले की नवसृजित नगर पंचायत दारानगर शीतला धाम कड़ा में पहली बार 2023 में यहां के नागरिक अपने नुमाइंदों का चयन करने जा रहे हैं,चुनाव को लेकर यहां के युवा मतदाताओं में कुछ अधिक उत्साह देखा जा रहा है। नगर पंचायत कड़ा धाम के अध्यक्ष पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित है,अध्यक्ष पद के लिए 17 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, इनमें भारतीय जनता पार्टी से दीपा श्रीवास्तव, समाजवादी पार्टी से नसीम जहां, बहुजन समाज पार्टी से निशा नकवी के अलावा 14 निर्दल उम्मीदवार भाग्य आजमाइश कर रही हैं। जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह आने वाली मतदान के बाद तय होगा। नगर पंचायत कड़ा धाम में कुल 27899 मतदाता हैं जिनमें 14662 पुरुष एवं 13237 महिला मतदाता है। राजनीतिक दलों के प्रत्याशियो की तरह निर्दल प्रत्याशी भी मतदाताओं को लुभाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाना शुरू कर चुके हैं। अभी चुनावी परिदृश्य में भारतीय जनता पार्टी की दीपा श्रीवास्तव महज इकलौती ऐसी उम्मीदवार हैं जो घूंघट और पर्दा से बाहर निकल कर बिना किसी प्रतिनिधि के डोर टू डोर प्रत्येक मतदाता तक पहुंच रही हैं, दीपा श्रीवास्तव 2021 से भाजपा से जुड़कर नगर पंचायत के मतदाताओं से अच्छी तरह परिचित हो चुकी है,स्नातक तक शिक्षा प्राप्त, भाजपा प्रत्याशी अपने शालीनता एवं सरलता के चलते मतदाताओं में खासकर महिलाओं में पकड बनाने की कोशिश में जुटी हैं। इनके साथ दिलचस्प यह है कि जातीय समीकरण के आधार पर 25 श्रीवास्तव मतदाता है। सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास का मूल मंत्र को लेकर भाजपा प्रत्याशी सभी वर्ग का समर्थन हासिल कर चुनावी समर फतेह करना चाहती है। दीपा श्रीवास्तव का सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी की नसीम जहां से बताया जा रहा है, जिन्हें समाजवादी पार्टी के परंपरागत मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन मिल रहा। हालांकि यादव मतदाता कम है,इनका भी झुकाव सपा की तरफ है। तीसरे कोण में भाजपा के बागी अरुण केसरवानी की पत्नी रागिनी केसरवानी मोर्चा संभालते हुए मजबूती से चुनाव लड़ रही हैं,भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी को औरों से नहीं बल्कि भाजपा से अलग होकर निर्दल उम्मीदवार रागिनी केसरवानी से ज्यादा नुकसान होने की संभावना दिख रही हैं। रागिनी केसरवानी के चुनाव का संचालन स्वयं उनके पति अरुण केसरवानी कर रहे हैं, जो लगातार भाजपा के परंपरागत वोट को रिझाने में लगे हुए है। व्यवसायियों का भी अच्छा खासा समर्थन रागनी केसरवानी को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। दिशा विहीन अनुसूचित जाति के मतदाताओं में सेंध लगाने की जुगत चल रहे हैं, जिनपर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी निशा नकवी भी अपनी स्थिति मजबूत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। बसपा का संगठनात्मक आधार कमजोर होने के चलते बसपा के परंपरागत वोट बटने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, यहां 7000 से अधिक बसपा का परंपरागत वोट है, उसे संभालने एवं अन्य समुदाय के मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की मुहिम के साथ बसपा उम्मीदवार चैथे कोण को संभालने में प्रयासरत है। बसपा की निशा नकवी की चुनावी बागडोर उनके पति अतहर अब्बास संभाल रहे हैं। चुनावी रण कौन फतेह करेगा इसका फैसला तो यहां के मतदाता 4 मई को अपने मतदान से करेंगे, लेकिन अभी हालात को देखते हुए यहां का चुनाव त्रिकोणात्मक है कड़ा में राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के अलावा निर्दल प्रत्याशी रागिनी केसरवानी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता अन्य निर्दल उम्मीदवार भी समर्थन हासिल करने में रात दिन एक कर रहे हैं।