राकेश केशरी
कौशाम्बी। नगर निकाय चुनाव नजदीक है, ऐसे में ग्रामीणों की निगाह में उनका जनप्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए,जो उनका दुख दर्द समझकर उनके सुख दुख में खड़े रहकर भागीदार बनने का माद्दा रखता हो। नगर पालिका व नगर पंचायतों के नागरिको का कहना है कि उनके वार्डो में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। चुनाव में तो प्रत्याशी आते हैं और बड़े.बड़े वादे कर चले जाते हैं। नगर पालिका परिषद मंझनपुर में पहली बार शामिल हुए बरइन का पुरवा निवासी दिनेश शुक्ला का कहना है कि ग्रामीण अमूमन भोले.भाले होते हैं। दो जून की रोटी के लिए खेतों में काम करते हैं। हमें एक ऐसे जनप्रतिनिधि का चुनाव करना है,जो हम जैसे गरीबों के दुख दर्द को समझकर उसे दूर करने के लिए रात.दिन एक कर दें। यही के राजेश शुक्ला का कहना है कि ईमानदार,कर्मनिष्ठ व बेदाग छवि वाले प्रत्याशियों को ही मत दिया जाएगा,जो क्षेत्र में स्वास्थ्य,शिक्षा,पानी पर विशेष ध्यान देकर यथाशीघ्र उसे दूर करें। जबकि घना के पुरवा निवासी बीरेन्द्र निर्मल का कहना है कि जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र का हो, क्योंकि वहीं अपने क्षेत्र के लोगों का दुख.दर्द को समझता है। अपने क्षेत्र के समस्याओं के बारे में जानता है। समदा के युवा मतदाता अजय भारतीय का कहना है कि हम गरीब आर्थिक तंगी के कारण पढ़.लिख नहीं पाए। इसलिए अपने परिवार के भरण.पोषण के लिए बारहों महीने खेतों में ही मजदूरी करते रहते हैं। हम ऐसे जनप्रतिनिधि का चुनाव करेंगे,जो क्षेत्र में गरीब बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था कराएं और उन्हें पढने के बाद आगे बढने के लिए उनकी सहायता करें। बबुरा निवासी राजकुमार सेन का कहना है कि हम ऐसे प्रत्याशी का चुनाव करेंगे जो गरीबों के दुख दर्द में रहकर क्षेत्र का विकास करे और जीतने के बाद क्षेत्र से भाग न जाएं। व्यापारी अभय केशरवानी का कहना है कि हम ऐसे जनप्रतिनिधि का चुनाव करेंगे जो मूलभूत सुविधाओं को दिलाने में सक्षम हो।