इन्द्रपाल सिंह'प्रिइन्द्र
शासन से विभागीय सामन्जस्य बैठाने को दिया उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन
कहा दशावतार मंदिर के मूलनायक को सार्वजनिक करो
ललितपुर। जनपद में पर्यटन विकास की असीम सम्भावनाओं की जानकारी देते हुये खोजी पत्रकर रर्वीन्द्र दिवाकर, वरिष्ठ पत्रकार राकेश शुक्ला, नीरज आदि ने एक ज्ञापन उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को सौंपा। जिसमें पर्यटन की राह में आने वाले वन विभाग के रोड़े हटाये जाने की माँग की। देवगढ़ के विश्वप्रसिद्ध दशावतार मंदिर के मूलनायक चतुर्भुज श्रीहरि विष्णु की दुर्लभ मूर्ति को एएसआई के गोपनीय संग्रहालय से बाहर निकालकर पर्यटन हित में सार्वजनिक करने की अपील भी की।
बताया कि ललितपुर में पुरातात्विक पर्यटन के अलावा चिकित्सा पर्यटन, जड़ीबूटी पर्यटन, वाटर स्पोर्ट पर्यटन, वन्य जन्तु पर्यटन और साहसिक अभियान पर्यटन हो सकते हैं। यहाँ के पर्यटन स्थलों की जानकारी देते हुये बताया कि हाल ही में पर्यटन पुरुष रवीन्द्र दिवाकर द्वारा देवगढ़ में खोजी गयी विश्व स्तरीय पर्यटन को बढ़ावा देने वाली गुप्तकालीन बुद्ध गुफा, दशावतार के मूलनायक, जनपद के अद्वितीय रहस्यमय किले, कन्धारीकलाँ के "एलियन्स" जनपद के छिपे खजाने, खोजे गये " करकरावल" जलप्रपात और रहस्यमय मूर्तियों, प्राचीन भित्तिचित्रों, "राखपंचमपुर" की चमत्कारी राख, राक्षस कालेयवन पर भगवान कृष्ण की विजयस्थली "मचकुन्द गुफा" भगवान कृष्ण के विश्रामस्थल "'रणछोर धाम", 'सैल्फी लेने के पुरातन प्रचलन" ग्राम लागोन के प्रसिद्ध "हरसिद्ध देवी के प्राचीन ऐतिहासिक मन्दिर" के अलावा बुढ़वार के "ऋषिराज मन्दिर", बानपुर के "दो स्वादी कुऐं", "रहस्यमय पर्यटन स्थलों" "गहना पहनने के चलन" चाँदपुर जहाजपुर की खजुराहो शैली मूर्तिकला और बड़ेबाबा शान्तिनाथ, सूमे की पहाड़ी पर विश्वधर्म मंदिर में "मुस्लिम मूर्ति" पण्डुवन में पाण्डवों के अज्ञातवास और अमझराघाटी के हनुमानजी, झूमरनाथ के प्राकृतिक मन्दिर, और माताटीला बाँध की मालिन माता मंदिर पर्यटकों को बहुत लुभाते हैं। यहाँ देवगढ़, रणछोर धाम-मचकुंद गुफा, दूधई, चाँदपुर-जहाजपुर, पंडुवन जैसे महान तीर्थ वन विभाग के क्षेत्र में आते हैं। वन विभाग यहाँ किसी भी पर्यटन विकास निर्माण का विरोध करता है, इससे यहाँ का पर्यटन विकास प्रभावित है। इसलिये वन विभाग से सामंजस्य बनाकर यहाँ के पर्यटन विकास के सार्थक प्रयास शासन स्तर से किये जायें तो ललितपुर उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन क्षेत्रों में शामिल होने की क्षमता रखता है। यह भी कहा कि विश्व धरोहर देवगढ़ के गुप्त कालीन दशावतार मंदिर के मूलनायक श्रीहरि विष्णु भगवान की गायब मूर्ति करीब एक हजार साल बाद 21 मार्च 2014 को पर्यटन रत्न/पर्यटन पुरुष खोजी पत्रकार रवीन्द्र दिवाकर द्वारा देवगढ़ के घने जंगलों में बेतवा नदी घाटी की एक दुर्लभ गुफा में से खोज निकाली गयी थी। विडम्बना यह है कि इस महान खोज की जानकारी देने पर आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई)द्वारा इसे गुफा में से लाकर दशावतार मंदिर के दूसरे संग्रहालय में इस तरह बन्द कर दिया गया है। पुरातत्विक दृष्टि से यह महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर दशावतार मन्दिर के पास यदि कहीं भी रखवा दी जाये तो क्षेत्र के पर्यटन विकास में चार चाँद लग जायेंगे।