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उमेश पाल हत्याकाण्ड: डॉ. अखलाक के पास आया था अशरफ का मैसेज, लिखा था- गुड्डू मुस्लिम को रुपये दे दो और भगा दो फिर...

Saturday, April 8, 2023

/ by Today Warta



लखनऊ। माफिया अतीक अहमद के बहनोई डॉ. अखलाक के घर से भागने का गुड्डू मुस्लिम को बरेली जेल से अशरफ ने मैसेज किया था। अशरफ का मैसेज आने के बाद डॉ. अखलाक से पैसे लेकर गुड्डू मुस्लिम हरियाणा की तरफ भागा था। बरेली जेल में गैरकानूनी मुलाकातों का खुलासा होने के बाद भी अशरफ मोबाइल इस्तेमाल करता रहा था। राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और दो सरकारी गनर की हत्या के बाद फरार हुए शूटरों में शामिल कुख्यात अपराधी गुड्डू मुस्लिम माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ का एक मैसेज मिलने के बाद मेरठ में डॉ. अखलाक के घर से फरार हो गया था। अशरफ ने ये मैसेज बरेली जेल से अपने किसी परिचित के मोबाइल से किया था। 

डॉ. अखलाक ने गुड्डू को अशरफ के मैसेज की जानकारी देने के साथ अशरफ के सुझाए नए ठिकाने का पता भी बताया था। अब एसटीएफ डॉ. अखलाक से पूछताछ में मिले सुरागों के आधार पर गुड्डू की तलाश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक गुड्डू मुस्लिम के डॉ. अखलाक के घर पर पनाह लेने के बाद अतीक का बेटा असद शूटर गुलाम के साथ मेरठ आया था।  उसे भी डॉ. अखलाक ने एक लाख रुपये देकर राजस्थान भागने की सलाह दी थी जहां पर गद्दी समुदाय के कुछ लोग उसकी मदद कर सकते थे। यही वजह है कि असद, गुलाम और गुड्डू की तलाश में एसटीएफ और प्रयागराज कमिश्नरेट की कुछ टीमें हरियाणा और राजस्थान में लगातार सुरागरसी कर रही हैं।  बताते चलें कि राजस्थान के कुछ इलाकों में गद्दी बिरादरी के लोगों के अतीक से पुराने संबंध रह चुके हैं। साथ ही, बरेली जेल में अशरफ से मिलने के लिए राजस्थान से गद्दी बिरादरी के कुछ लोग आए थे। इसकी पुष्टि डीआईजी जेल बरेली रेंज आरएन पांडेय की जांच रिपोर्ट से भी हो चुकी है। इन सुरागों के आधार पर एसटीएफ अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। सूत्रों की मानें तो डॉ. अखलाक के घर से भागने के बाद गुड्डू हरियाणा गया था। यूपी की सीमा से सटे हरियाणा के एक कस्बे में उसकी लोकेशन का पता भी लगा लिया गया था। अचानक गुड्डू ने फिर से अपना मोबाइल बंद कर लिया जिससे उसके अगले ठिकाने के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया।

अधिकारियों को शक है कि उमेश पाल हत्याकांड के पांचों शूटर हरियाणा और राजस्थान में ही छिपे हैं। सभी अदालत में आत्मसमर्पण करने की फिराक में हैं। इसी वजह से यूपी की सीमा के आसपास के इलाकों में पनाह लेने की रणनीति अपना रखी है। प्रयागराज सीजेएम कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद भी पुलिस अशरफ को प्रयागराज नहीं ले जा सकी है। सप्ताह भर पहले प्रयागराज पुलिस ने जेल में वारंट और सीजेएम का आदेश दाखिल कर अशरफ को ले जाने की इच्छा जताई थी। इसके बाद प्रयागराज पुलिस लौटकर जेल नहीं पहुंची। अशरफ के परिजन, वकील और मीडिया के लोग अक्सर जेल गेट तक चक्कर लगाते रहते हैं। गुरुवार को एक बार फिर अशरफ को प्रयागराज ले जाने की चर्चा रही, हालांकि देर शाम तक ऐसी कोई कवायद नजर नहीं आई।

एक अन्य मामले में पेशी से पहले बिगड़ी तबीयत 

इसके अलावा अशरफ और उसके गुर्गों के खिलाफ सात मार्च को बिथरी चैनपुर थाने में कई धाराओं में केस दर्ज हुआ था। इसमें एसआईटी जांच कर रही है। बरेली की भ्रष्टाचार निवारण मामलों संबंधी कोर्ट में इसी केस के सिलसिले में अशरफ की शुक्रवार को पेशी होनी थी।  सुबह करीब दस बजे अशरफ को जेल के अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के लिए लाया गया। वहां जांच में उसका बीपी कम और धड़कनें बढ़ी मिलीं तो उसे कोर्ट नहीं ले जाया गया। सूत्रों का कहना है कि किसी अनजाने डर की वजह से ऐसा हुआ, हालांकि जेल के सूत्र अशरफ का रोजा होने की वजह से ऐसा होना बता रहे हैं।


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