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उमेश पाल हत्याकांड: : अब सद्दाम की तलाश में जुटी एसटीएफ

Friday, April 14, 2023

/ by Today Warta



बरेली। बरेली जेल में रहते हुए अशरफ ने साले सद्दाम व गुर्गे लल्ला गद्दी के सहारे जिले में नेटवर्क तैयार किया था। असद के एनकाउंटर और अशरफ का रिमांड मंजूर होने से उसके गुर्गों में दहशत है।  माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम के झांसी में एनकाउंटर के बाद बरेली में अशरफ के गुर्गे दहशत में हैं। बरेली जेल में रहते हुए अशरफ ने साले सद्दाम व गुर्गे लल्ला गद्दी के सहारे जिले में नेटवर्क तैयार किया था। लल्ला इन दिनों जेल में है। सद्दाम फरार है। लल्ला की हिस्ट्रीशीट खोलने की संस्तुति की गई है। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी पांच लाख के इनामी असद व उसके साथी शूटर गुलाम का यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को झांसी में एनकाउंटर कर दिया। दूसरी ओर अतीक अहमद और अशरफ का रिमांड भी मंजूर हो गया है। इससे अशरफ के गुर्गों में दहशत है। जो गुर्गे अतीक, अशरफ और सद्दाम के नाम पर रौब गांठते थे, एसटीएफ की कार्रवाई के बाद वे भूमिगत हो गए हैं। सद्दाम और लल्ला गद्दी अशरफ की उसके गुर्गों से मुलाकात कराते थे। इसमें जेल स्टाफ उनका साथ देता था।

उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ के नामजद होने के बाद सद्दाम और लल्ला गद्दी के खिलाफ बिथरी चैनपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें लल्ला जेल जा चुका है। उसकी हिस्ट्रीशीट खोलने के बाद गैंग चार्ट बनाने की तैयारी है। हाल ही में मारपीट, हमले से जुड़े सामान्य मामलों में भी उसका नाम जुड़ रहा है। अशरफ का साला सद्दाम अभी फरार है। बरेली व लखनऊ एसटीएफ उसकी तलाश में हैं। अशरफ की रिमांड मंजूर होने से निलंबित हो चुके बरेली जेल के स्टाफ और अशरफ के गुर्गों में हलचल है। अशरफ से उसके गुर्गों की नियम विरुद्ध मुलाकात कराने में जेल के अफसरों की अहम भूमिका थी। प्रभारी डीआईजी जेल की रिपोर्ट पर उनको निलंबित किया गया था। अब उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक रिमांड के दौरान अशरफ कई राज उगल सकता है। उमेश पाल हत्याकांड से पहले 11 फरवरी को असद बरेली आया था। उसने शूटरों के साथ बरेली जिला जेल में बंद अपने चाचा अशरफ से मुलाकात की थी। इनमें विजय चौधरी उर्फ उस्मान, गुलाम और अजहर समेत नौ लोग शामिल थे। प्रयागराज पुलिस ने खुलासा किया था कि उमेश पाल की हत्या की योजना साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद अशरफ ने बनाई थी। सीओ तृतीय आशीष प्रताप सिंह ने बताया कि लल्ला गद्दी की हिस्ट्रीशीट खोलने की संस्तुति की गई है। इसके बाद गैंग का पंजीकरण भी कराया जाएगा। 


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